12वीं की परीक्षा रद्द होने पर दिल्ली विश्वविद्यालय ने कहा, योग्‍यता से समझौता नही, इस बार ऐसी होगी एडमिशन की प्रक्रिया

प्रधानमंत्री की बैठक के बाद सीबीएसई और सीआईएससीई द्वारा कोरोना वायरस महामारी के मद्देनजर कक्षा 12वीं की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने की घोषणा की। इसके मधेनज़र दिल्ली विश्वविद्यालय (डीयू) ने कहा कि वह योग्‍यता से समझौता किए बिना अपनी प्रवेश प्रक्रिया को असाधारण स्थिति में ही समायोजित करेगा।

दरअसल, सामान्य परिस्थितियों में, डीयू नौ स्नातक पाठ्यक्रमों में प्रवेश के लिए परीक्षा आयोजित करता है। परीक्षा राष्ट्रीय परीक्षण एजेंसी (एनटीए) द्वारा आयोजित किए जाते हैं।

डीयू के कार्यवाहक कुलपति पीसी जोशी ने कहा कि सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट (सीयूसीईटी) एक अच्छा तरीका हो सकता है।

उन्‍होंने कहा, “योग्यता आंकने का कोई तरीका होगा।

ये असाधारण परिस्थितियां हैं। सेंट्रल यूनिवर्सिटीज कॉमन एंट्रेंस टेस्ट एक अच्छा तरीका हो सकता है, क्योंकि यह अखिल भारतीय योग्यता पर आधारित होगा। डीयू योग्‍यता से समझौता नहीं करेगा। हम नई स्थिति के साथ तालमेल बिठाएंगे और देखेंगे कि कौन सा तरीका विकसित किया जाना है। हम इंतजार करेंगे और देखेंगे कि बोर्ड छात्रों के मूल्यांकन के लिए क्या मापदंड तय करते हैं।”

दिल्ली विश्वविद्यालय के लगभग 98 प्रतिशत आवेदक सीबीएसई के छात्र हैं।

बतादें कि समाचार एजेंसी पीटीआई ने डीयू के अध्यक्ष-प्रवेश प्रोफेसर राजीव गुप्ता के हवाले से कहा, “दिल्ली विश्वविद्यालय परिणामों की घोषणा के संबंध में सीबीएसई के निर्णय का इंतजार कर रहा है।”

गौरतलब है कि केंद्र सरकार ने मंगलवार को देश भर में COVID-19 महामारी के बीच अनिश्चित परिस्थितियों और स्टेकहोल्डर्स से मिली प्रतिक्रिया को देखते हुए, यह फैसला लिया गया है कि इस वर्ष कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षा आयोजित नहीं की जाएगी। सीबीएसई कक्षा 12 के छात्रों के परिणामों को समयबद्ध तरीके से परिभाषित उद्देश्य मानदंडों के अनुसार संकलित करने के लिए कदम उठाएगा। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने कहा कि यह निर्णय छात्रों के हित में लिया गया है। CISCE ने इस साल कक्षा 12 की बोर्ड परीक्षाओं को रद्द करने का भी फैसला किया है।