67वीं बीपीएससी का परीक्षा परिणाम जारी होते ही पटना समेत बिहार में एक नाम की बड़े जोर-शोर से चर्चा हो रही है। वह नाम पूर्व आईएसएस अधिकारी अरुण सर का है। दरअसल, अरुण सर के मुफ्त क्लास में पढ़कर इस बार 35 में से 15 छात्रों ने बीपीएससी पीटी में बाजी मारी है। छात्रों के इस सफलता के बाद से बिहार ही नहीं बल्कि पूरे देश में अरुण सर के नाम की चर्चा हो रही है। वजह बिना तामझाम के पटना में प्राकृति की गोद में छात्रों को मुफ्त पढ़ाना है।
सुबह -सुबह सात बजे लगती है क्लास…
NIT गंगा घाट पर अरुण सर की क्लास लगती है। बारिश के दिनों को छोड़कर यहां हर दिन अरुण सर की क्लास लगती है। अहले सुबह गंगा की शीतल लहरों की थपेड़ों और चिड़ियों की चहचहाहट के बीच सुबह सात बजे अरुण सर की मुफ्त क्लास लगती है। पटना समेत आसपास के इलाके जैसे परसा से लेकर फतुहा तक से छात्र सुबह-सुबह की अरुण सर की क्लास में उपस्थित हो जाते हैं। क्या अमीर-क्या गरीब। सारे धर्म, जाति, रंग और लिंग का बैरियर अरूण सर की क्लास में टूट जाते हैं। सभी छात्र एक साथ गंगा घाट के बने सीढ़ी पर बैठकर पढ़ाई करते हैं।
पूर्व आईएसएस अधिकारी रह चुके हैं अरुण कुमार….
पटना के गंगा घाट पर छात्रों को पढ़ाकर बीपीएससी जैसी परीक्षा में सफलता दिलाने वाले अरुण कुमार सेंट्रल विजिलेंस में कमिश्नर के पद पर रह चुके हैं। फिलहाल वीआरएस लेने के बाद वे गंगा घाट पर छात्रों को शिक्षा दान दे रहे हैं। अरुण सर सिंहवाहिना पंचायत के मुखिया भी है। बाता दे की बिहार में उनके नाम सर्वाधिक मतों से जीतने का रिकॉर्ड भी दर्ज है।
अखबारो से होती है क्लास की शुरुआत….
पटना के गंगा घाट पर अरुण सर की क्लास हर दिन अखबार से होती है। हर खबर का अरुण सर पहले विश्लेषण करते हैं. उसके बाद पॉलिटिक्स, इतिहास और इकोनॉमी से इन खबरों को जोड़ते हुए उसका गहराई से विश्लेषण करते हैं।
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