निजी विद्यालयों को मजबूत करने में जुटी है सरकार, सरकारी विद्यालयों की जर्जर स्थिति पर नही है कोई ध्यान — आनन्द माधव



शिक्षा एक ऐसा बुनियादी प्रश्न है जो गरीब, अमीर, मध्यम वर्गीय अर्थात् समाज के हर वर्ग से जुड़ा हुआ है। बिहार में शिक्षा का हालात बेहद ही दयनीय है। यू डाइस के रिपोर्ट की बात करे तो उसके अनुसार बिहार में जहां 2015-16 में सरकारी शिक्षकों की संख्या 431424 थी वह अब घट कर 4,02 858 रह गई है यानि पिछले छ: वर्षों में कुल 28,666 शिक्षक कम हुए हैं, पर हमारी सरकार कह रही है कि शिक्षकों की संख्या बढ़ी है। यह विरोधाभास नहीं तो और क्या है?

ये बाते आज कलम सत्याग्रह के संयोजक आनन्द माधव ने कार्य समिति की बैठक में कही। उन्होंने कहा कि सरकारी स्कूलों को बंद करने कि साज़िश चल रही है जिससे निजी विद्यालय मज़बूत हो और सरकारी स्कूल मजबूर। माधव ने कहा कि कलम सत्याग्रह बिहार में शिक्षा व्यवस्था को पटरी पर लाने के लिये कटिबद्ध है। ये कार्यसमिति इसी पर विचार करने बैठी है। कार्यसमिति में यह तय हुआ कि प्रथम चरण में आगामी 4 जून को कलम सत्याग्रही पटना में एक युवा संवाद करने जा रहे हैं। यह युवा संवाद बिहार के हर विश्वविद्यालय में किया जायेगा। साथ ही साथ कलम सत्याग्रही बिहार के सभी 9 प्रमंडलों का भी दौरा कर जन संवाद करेगे जिससे ज़्यादा से ज़्यादा लोगों को इस अभियान से जोड़ा जाये। आनन्द माधव ने कहा कि कलम सत्याग्रह एक अभियान नहीं बल्कि जीवन तथा विकास का एक मंत्र है।


राइट टू एजुकेशन फ़ोरम बिहार के संयोजक डा. अनिल राय ने कहा कि कलम सत्याग्रह एक महत्वाकांक्षी योजना है। इस अभियान से समान विचारधारा वाले अधिक से अधिक लोगों को जोड़ा जाए ऐसा प्रयास हमलोगों का है।बिहार में शिक्षा तंत्र की मज़बूती ही इस अभियान का लक्ष्य है।लोकतांत्रिक जन पहल के फादर जोस ने कहा कि हम सभी को ज़िले से लेकर प्रखंड एवं पंचायत स्तर तक इस कलम सत्याग्रह को फैलाना पड़ेगा, तभी हमें सफलता मिलेगी। टीइटी शिक्षक संघ के संयोजक ने कहा कि युवाओं को हमें जोड़ना होगा जिसमें कलम सत्याग्रह की सफलता का रहस्य छिपा है। इसके अतिरिक्त बैठक में युवा नेता प्रत्युष गौरव, आर टी इ फ़ोरम के राजीव रंजन, समाज सेवी संजीव पाठक आदि वक्ताओं ने भी अपनी बात रखी। कार्यक्रम के अंत में धन्यवाद ज्ञापन कांग्रेस पार्टी सोशल मीडिया के चेयरमैन सौरभ सिन्हा ने किया।