पंडित मदन मोहन मालवीय एवं भारतीय भाषा में न्याय पर वेबिनार का आयोजन, कॉलेज ऑफ कॉमर्स के प्रिंसिपल तपन शौंडिल्य समेत कई गणमान्यों ने रखा अपना विचार

पटना के कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना एवं भारतीय भाषा अभियान, शिक्षा संस्कृति उत्थान न्यास (बिहार प्रदेश) के संयुक्त तत्वाधान में “पंडित मदन मोहन मालवीय एवं भारतीय भाषा में न्याय” विषय पर एक राष्ट्रीय वेबिनार का आयोजन किया गया। यह आयोजन प्रोफेसर डॉ० तपन कुमार शांडिल्य, प्राचार्य, कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना एवं डॉ० विजयकांत दास, सदस्य, बिहार राज्य विश्वविद्यालय सेवा आयोग, पटना के नेतृत्व में किया गया।

भाषा के रूप में प्रतिस्थापित करने के आंदोलनों पर प्रकाश

इस संगोष्ठी में सर्वप्रथम डॉ० आनंद शंकर सिंह, प्राचार्य, ईश्वर शरण पी० जी० कॉलेज, प्रयागराज ने अपने विचार प्रकट किए। डॉ० आनंद शंकरजी ने पंडित मालवीय द्वारा हिंदी को राष्ट्रीय अस्मिता से जोड़कर कार्यालयों एवं न्याय की भाषा के रूप में प्रतिस्थापित करने के आंदोलनों पर प्रकाश डाला। डॉ० आनंद शंकर जी ने पंडित मालवीय के जीवन दर्शन में भाषाई, क्षेत्रीय एवं धार्मिक समभाव के अनुपालन के अनेक उदाहरणों की चर्चा की जिससे मालवीय जी का उदारवादी व्यक्तित्व उजागर होता है।

दूसरे वक्ता के रूप में डॉ० दिलीप कुमार, एन०सी०ए०ई०आर०, नई दिल्ली ने पंडित मालवीय का पारिवारिक पृष्ठभूमि एवं काशी हिंदू विश्वविद्यालय की स्थापना के पीछे मालवीय जी के उद्देश्यों एवं दर्शन की चर्चा की। कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना के विधि विभाग के अध्यापक डॉ० विनय कुमार सिन्हा एवं नई दिल्ली अवस्थित सुरेश कुमार ने आज की संगोष्ठी के विषय वस्तु पर अपने विचार रखे।

डॉ० शांडिल्य ने किया संगोष्ठी की अध्यक्षता

संगोष्ठी की अध्यक्षता प्रोफेसर डॉ० तपन कुमार शांडिल्य ने किया एवं इसका संचालन डॉ० रश्मि अखौरी ने किया। कॉलेज ऑफ कॉमर्स, आर्ट्स एंड साइंस, पटना के डॉ० अनीता सागर, डॉ० राघवेंद्र किशोर, डॉ० संजय कुमार पांडे, डॉ० वैकुंठ राय एवं अन्य शिक्षकों के अलावा शिक्षा जगत से जुड़े अन्य गणमान्य लोगों यथा डॉ० संदीप सागर, वीर कुंवर सिंह विश्वविद्यालय, आरा एवं डॉ० अजय प्रताप, आर्यभट्ट विश्वविद्यालय, पटना ने भी इस संगोष्ठी में भाग लिया।