पंजाब सरकार की तर्ज पर राजस्थान की गहलोत सरकार भी केन्द्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक लाने जा रही है। इसके लिए जल्द ही राज्य विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाएगा। राज्य मंत्री परिषद की मंगलवार शाम को हुई बैठक में यह फैसला किया गया।
शीघ्र बुलाये जाएगा विधानसभा का विशेष सत्र
मुख्यमंत्री गहलोत की अध्यक्षता में हुई इस बैठक में केन्द्र सरकार द्वारा किसानों से सम्बन्धित विषयों पर बनाए गए तीन नए कानूनों से राज्य के किसानों पर पड़ने वाले प्रभावों पर चर्चा की गई। बैठक के बाद जारी सरकारी बयान के अनुसार मंत्री परिषद ने राज्य के किसानों के हित में यह निर्णय किया कि किसानों के हितों को संरक्षित करने के लिए शीघ्र ही विधानसभा का विशेष सत्र बुलाया जाए।
पंजाब के जैसा राजस्थान भी जल्द करेगा
गहलोत ने ट्वीट किया, ’’आज पंजाब की कांग्रेस सरकार ने इन कानूनों के विरुद्ध विधेयक पारित किये हैं और राजस्थान भी शीघ्र ऐसा ही करेगा।’’ बयान के अनुसार, राज्य मंत्री परिषद ने फसलों की न्यूनतम समर्थन मूल्य पर खरीद की अनिवार्यता पर जोर दिया। साथ ही, व्यापारियों द्वारा किसानों की फसल खरीद के प्रकरण में विवाद होने की स्थिति में उसके निपटारे के लिए दीवानी अदालत के अधिकारों को बहाल रखने पर भी चर्चा की।
पंजाब में केंद्र के कृषि कानूनों के खिलाफ विधेयक
पंजाब विधानसभा के दो दिवसीय सत्र में मंगलवार को मुख्यमंत्री कैप्टन अमरिंदर सिंह ने हाल ही में केंद्र सरकार द्वारा बनाए गए तीन कृषि सुधार कानूनों के खिलाफ सदन में प्रस्ताव पेश किया। प्रस्ताव में कहा गया कि ये तीनों कानून किसान विरोधी थे। इसके साथ ही कैप्टन अमरिंदर सिंह ने विधानसभा में तीन विधेयक भी पेश किए। किसानों को न्यूनतम समर्थन मूल्य दिलाने के लिए व्यवस्था की गई है कि यदि कोई किसानों को डैच् से कम कीमत पर उत्पाद बेचने के लिए मजबूर करेगा तो उसे तीन साल तक की जेल हो सकती है।
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