कोरोना संम्रमण को लेकर जेल से बाहर घूम रहे कैदियों की मौज अब जल्द खत्म हो सकती है। जेलों में संक्रमण रोकने के लिए अंतरिम जमानत और पेरोल बढ़ाने के बाद इसके दुरुपयोग की बात सामने आने पर हाईकोर्ट ने कहा, ऐसा है तो इसमें बदलाव होना चाहिए। तिहाड़ जेल प्रशासन ने हाईकोर्ट को बताया, तिहाड़ के 6,711 कैदी अंतरिम जमानत या पैरोल पर बाहर हैं। इनमें से केवल तीन ही कोरोना संक्रमित हैं। वहीं, लोक अभियोजक ने दलील दी कि कैदी हाईकोर्ट के आदेश का दुरुपयोग कर रहे हैं।
तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने बताया, जघन्य अपराध की श्रेणी वाले 2,318 और छोटे अपराध की श्रेणी वाले 2,907 कैदियों को हाईकोर्ट और निचली अदालतों ने अंतरिम जमानत दी है। महामारी पर जारी आदेश के तहत 6711 कैदी अंतरिम जमानत या पेरोल पर हैं। इस पर पीठ ने कहा, अगर जेलों में संक्रमण लगभग समाप्त हो चुका है तो आदेश में बदलाव करना चाहिए। इससे पहले तीन सदस्यों की पीठ ने 24 अगस्त को सभी कैदियों की अंतरिम जमानत और परोल अवधि 31 अक्तूबर तक बढ़ा दी थी।
तो करना चाहिए आदेश में बदलाव
तिहाड़ जेल प्रशासन की ओर से वरिष्ठ अधिवक्ता राहुल मेहरा ने पीठ को बताया कि जघन्य अपराध की श्रेणी वाले 2318 और छोटे अपराध की श्रेणी में आने वाले 2907 कैदियों को हाईकोर्ट और निचली अदालतों से अंतरिम जमानत दी गई है। वर्तमान में कोरोना महामारी पर जारी आदेश के तहत 6711 कैदी अंतरिम जमानत या पेरोल पर हैं।
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