देश में कोविड-19 के बढ़ते मामलों के मद्देनजर केंद्र सरकार ने देश की सशस्त्र सेनाओं को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में अपने प्रयासों को बढ़ाने के लिए आज आपातकालीन वित्तीय शक्तियां प्रदान कीं। उन्हें आपात चिकित्सा जिम्मेदारी निभाने की शक्तियां भी दी गई हैं। सरकार की ओऱ से यह फैसला ऐसे वक्त में लिया गया है जब देश में हर रोज पौने चार लाख कोरोना के मामले आ रहे हैं।
हाल ही में प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने हाल ही में सेनाओं के शीर्ष अधिकारियों से भी मुलाकात की है और कोरोना के खिलाफ युद्धस्तर पर तैयारियों के लिए सैन्य बलों को निर्देश दिए हैं। इसके जरिये सशस्त्र सेनाओं को कोविड-19 के खिलाफ लड़ाई में प्रयास तेज करने में मदद मिलेगी। इन शक्तियों के तहत सेना अस्पतालों, क्वारंटाइन की स्थापना और संचालन करेंगे, और सामान्य मंजूरी के बिना कोविड-विशिष्ट उपकरणों की खरीद का कार्य करेंगे।
रक्षा मंत्री राजनाथ सिंह ने शनिवार को इसकी घोषणा ट्विट किया कि, सशस्त्र सेनाओं की ताकत बढ़ाने और कोविड-19 के खिलाफ राष्ट्रव्यापी लड़ाई में उनके प्रयासों को मजबूती देने के लिए विशेष प्रावधानों का इस्तेमाल किया गया और सशस्त्र सेनाओं को आपात वित्तीय शक्तियों का अधिकार दिया गया है। इन अधिकारों के तहत इसके तहत कार्प्स कमांडर या एरिया कमांडर को प्रत्येक मामले में 50 लाख रुपये तक की शक्तियां और डिवीजन कमांडर-सब एरिया कमांडर को 20 लाख रुपये की आपात मंजूरी की वित्तीय शक्तियां दी गई हैं
आपात शक्ति फिलहाल 31 जुलाई 2021 के लिए दी गयी हैं, हालांकि इनमें बदलाव करने और समयावधि को बढ़ाने का प्रावधान रखा गया है। एक अधिकारी ने बताया, सशस्त्र बलों को अपने सैनिकों को बेहतर चिकित्सा सुविधाएं प्रदान करने और असैन्य प्रशासन की मदद करने के लक्ष्य से रक्षा मंत्रालय ने आगे बढ़कर यह कदम उठाया है। ऐसी शक्तियों को पिछले साल भी मंजूरी दी गई थी, और सशस्त्र बलों ने पहली लहर से प्रभावी ढंग से निपटने में मदद की थी।
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