IMPAR ने देश मे बढ रही सांप्रदायिक घटनाओं के कारण आने वाली चुनौतियों पर की चर्चा, जानिए क्या रही लोगों की राय

नयी दिल्ली: हाल ही में देश के कई राज्यों में बढ रही सांप्रदायिक घटनाओं पर कम्युनिटी के सामने आने वाली चुनौतियों पर चर्चा करने के लिए IMPAR द्वारा एक वेबिनार का आयोजन किया गया।

चर्चा के दौरान वक्ताओं की राय थी कि ये घटनाएं पुलिस और स्थानीय प्रशासन की मौन स्वीकृति के साथ या उसके बिना असामाजिक तत्वों या फ्रिंज दक्षिणपंथी समूह द्वारा सांप्रदायिक सद्भाव और शांति के माहौल को बिगाड़ने का एक प्रयास हैं।

इस बात पर चर्चा हुई कि स्थिति से निपटने के लिए हमें संवैधानिक प्राधिकारियों के साथ जुड़ना चाहिए। इसके अलावा हम इस खतरे को जल्द से जल्द रोकने के लिए केंद्र और राज्य सरकारों को ज्ञापन दे सकते हैं। हम अदालतों में मामले दर्ज करने के लिए एक कानूनी प्रकोष्ठ बना सकते हैं, जिनके अधिकार क्षेत्र में कोई घटना होती है।

वहीं अन्य वक्ताओं ने, इस प्रकार की घटना की स्थानीय स्तर पर मामला दर्ज करने की वकालत की। वक्ताओं ने आगे एसएमएस पर हर दूसरे दिन आने वाली उत्तेजक खबरों के लिए उपयुक्त प्रतिक्रिया देने पर भी जोर दिया।

मालूम हो कि वेबिनार में चर्चा के दौरान इस बात पर सर्वसम्मति से सहमति बनी कि भारत की मतदाता सूची में नागरिकों के मतदाता पंजीकरण के कार्यक्रम को तेज किया जाए।

इस दौरान इस बात पर भी जोर डाला गया कि मंत्रियों और सरकारी अधिकारियों ख़ासकर वरिष्ठ अधिकारियों के साथ व्यक्तिगत बैठकें निश्चित रूप से भविष्य में होने वाली दुर्घटनाओं में एक निवारक के रूप में काम करेंगी। हालांकि एक सुझाव यह भी आया कि जहां जरूरत हो वहां गांधी प्रतिमा के पास धरना देने के विकल्प से इंकार न किया जाए।

इस मौके पर जावेद, डॉ अनीस अंसारी, सैयद रिजवान, मुशर्रफ अली, कर्नल जाहिद सिद्दीकी, नजमुद्दीन ए फारूकी, इरशाद अहमद, डॉ ताजवर, अहमद शुजाउद्दीन, एस अहमद अब्दुल्ला, शहजाद खान, यूसुफ अंसारी और सबिहा हसन ने अपने विचार व्यक्त किए। अध्यक्ष IMPAR, डॉ एम जे खान वक्ताओं के विचारों को सुनकर, उन्हें इस संबंध में उच्च अधिकारियों से मिलने का आश्वासन दिया और समाज में अच्छे लोगों की भावनाओं को संप्रेषित करेंगे। बता दें कि इस कार्यक्रम का संचालन खालिद अंसारी ई.डी. IMPAR द्वारा किया गया।