बिहार के जमुई में 2600 साल पुराने मंदिर के परिसर से मिला 3 फीट लंबा शिवलिंग और मां पार्वती की मूर्ति।

जमुई. बिहार के जमुई जिले के सिकंदरा प्रखंड के कुमार गांव में तालाब की खुदाई के दौरान 3 फीट लंबा प्राचीन शिवलिंग मिलने के बाद इलाके के कई गांव के लोग आस्था और भक्ति में डूब गए हैं। लोगों ने शिवलिंग को कंधे पर उठाकर हर-हर महादेव और जय शिव का जयकारा लगाते हुए तालाब से मंदिर परिसर में लाकर भगवान शिव की पूजा-अर्चना शुरू कर दी। थोड़ी ही देर में वहां सैकड़ों लोगों की भीड़ जुट गई।

सिकंदरा के कुमार गांव में 2600 साल पुराना मां नेतुला का मंदिर है। मंदिर परिसर में स्थित तालाब का जीर्णोद्धार योजना के तहत खुदाई हो रही है। बुधवार की शाम तालाब खुदाई के दौरान 3 फीट का एक प्राचीन शिवलिंग मिला। खुदाई में शिवलिंग मिलने से गांव के लोग हैरान हैं, क्योंकि उसी तालाब की खुदाई के दौरान मंगलवार को एक और मूर्ति मिली थी, जिसे ग्रामीण मां पार्वती की मूर्ति बता रहे हैं।

बताया यह भी जा रहा है कि मंगलवार को जब जेसीबी से तालाब की खुदाई हो रही थी। वहां लोगों ने एक नाग देवता को भी देखा था। जब तालाब की खुदाई आगे बढ़ी तो काले पत्थर की एक प्राचीन प्रतिमा मिली थी। जिसे लोग मां पार्वती की मूर्ति मान रहे हैं, फिर बुधवार की शाम खुदाई के दौरान तालाब से काले पत्थर का शिवलिंग मिलने से लोग आस्था में डूब गए। मां नेतुला मंदिर परिसर में शिवलिंग को रखकर उनकी पूजा-अर्चना शुरू कर दी। इसका वीडियो सोशल मीडिया पर वायरल होने लगा और देखते ही देखते आसपास के गांव के लोग भी वहां पहुंच गए। अब गांव वाले मां नेतुला मंदिर परिसर में शिव मंदिर बनवाने की बात कर रहे हैं।

मंदिर कमेटी के कोषाध्यक्ष उमाशंकर सिंह और ग्रामीण अनुज कुमार ने बताया कि मंदिर परिसर में तालाब की खुदाई के दौरान शिवलिंग और मां पार्वती की मूर्ति मिलने के बाद अब भगवान शिव के मंदिर का निर्माण का शुरू किया जाएगा। बताते चलें कि जिले के सिकंदरा प्रखंड में स्थित मां नेतुला का मंदिर लगभग 2600 साल पुराना प्राचीन मंदिर है, जहां पूजा-अर्चना और आराधना के लिए बिहार ही नहीं, बल्कि देशभर के लोग जुटते हैं। खासकर नवरात्र के दिनों में यहां रहकर लोग अपने कष्टों के निवारण हेतु मां की आराधना करते हैं। इस मंदिर के बारे में यह भी कहा जाता है कि भगवान नधर्म के 24वें तीर्थंकर भगवान महावीर जब घर त्याग कर निकले थे तो यहां अपना समय बिताया था।