जयपुर: सीएम आवास में कांग्रेस विधायकों का शक्ति प्रदर्शन, सौ से ज्यादा MLA जुटाकर दिखाया विक्ट्री साइन

राजस्थान में अशोक गहलोत की सरकार पर मंडरा रहा संकट अब हटता हुआ दिख रहा है. सोमवार दोपहर को अशोक गहलोत ने सौ से अधिक विधायकों की परेड मीडिया के सामने करवाई और विक्ट्री साइन दिखाया. साफ है कि अशोक गहलोत ने संदेश दिया है कि उनके पास बहुमत है और सचिन पायलट के सभी दावे गलत साबित होते दिख रहे हैं. ऐसे में अब हर किसी की नजर इसपर है कि सचिन पायलट क्या कदम उठाएंगे. इस दौरान कैमरे के सामने मुख्यमंत्री अशोक गहलोत ने विजयी का सैंबल दिखाते हुए खुशी का इजहार किया. गहलोत के साथ दिल्ली के गए तीन दिग्गज नेता भी मौजूद रहे. इससे साफ लग रहा है कि शायद अशोक गहलोत अपनी सरकार बचाने में सफल रहे

पायलट ने 25 से अधिक विधायक होने का किया दावा

वहीं दूसरी ओर गहलोत से नाराज चल रहे उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट इस समय दिल्ली में कैंप कर रहे हैं. कांग्रेस ने आखिरी बार सचिन पायलट से अपील की है कि वो बैठक में शामिल हों और यहां आकर मतभेदों का समाधान करें. लेकिन सचिन पायलट ने दो टूक कहा है कि वो जयपुर नहीं आएंगे, 25 से अधिक विधायक उनके साथ बैठे हैं. ऐसे में राजस्थान में जारी ये सियासी घमासान कहां जाकर रुकता है, इसपर नजर बनी हुई है.

अपनी ही सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं

कांग्रेस नेता रणदीप सुरजेवाला ने कहा कि कभी-कभी वैचारिक मतभेद उत्पन्न होता है, लेकिन इससे अपनी ही सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं हैं. अगर कोई मतभेद है तो सोनिया गांधी और राहुल गांधी की अगुवाई में हम इसका समाधान निकालेंगे. व्यक्तिगत प्रतिस्पर्धा के जरिए सरकार को कमजोर करना ठीक नहीं. कांग्रेस नेता ने आरोप लगाया कि बीजेपी की ओर से हर बार जांच एजेंसियों को आगे किया जाता है, आज सुबह से ही कांग्रेस के साथियों पर इस तरह से छापेमारी करवाकर डराने की कोशिश की जा रही है.

गहलोत के लिए बड़ी चुनौती

राजस्थान में क्या अशोक गहलोत की कुर्सी जाएगी या वो सरकार बचाने में कामयाब हो पाएंगे, ये सबसे बड़ा सवाल है. उपमुख्यमंत्री सचिन पायलट की बगावत ने सीएम अशोक गहलोत के लिए बड़ी चुनौती पेश कर दी है. सचिन पायलट कह रहे हैं कि उनके पास 25 विधायक हैं और वे विधायक दल की बैठक में शामिल होने जयपुर नहीं पहुंच रहे हैं.