
दरभंगा और मुजफ्फरपुर में चुनावी रैली को संबोधित करने के बाद प्रधानमंत्री नरेन्द्र ने पटना में तीसरी और आखिरी रैली को संबोधित किया। पूरे भाषण के दौरान विपक्ष पीएम मोदी के निशाने पर रहा। उन्होंने कहा कि ये चुनाव जिन्होंने बिहार में सुधार किया, विकास लेकर आए. उन्हें चुनने का समय है. तेजस्वी यादव का नाम लिए बिना पीएम मोदी ने कहा कि पुराना ट्रैक रिकॉर्ड देखकर जंगलराज के युवराज से क्या अपेक्षा करें. उन्होंने कहा कि यह वक्त अनुभवी लोगों को चुनने का है, हवा हवाई बातें करने वालों का नहीं।
प्रधानमंत्री मोदी के भाषण की बड़ी बातें…
’बीते डेढ दशक में बिहार ने नीतीश जी की अगवाई में कुशासन से सुशासन की तरफ कदम मजबूती से बढ़ाए हैं. छक्। सरकार के प्रयासों के कारण बिहार ने असुविधा से सुविधा की ओर, अंधेरे से उजाले की ओर, अविश्वास से विश्वास की ओर, अपहरण उद्योग से अवसरों की ओर का एक लंबा सफर तय किया है।
लालटेन का अंधेरा छट चुका है
मोदी ने कहा कि अटल जी कभी कहते थे कि बिहार में बिजली की परिभाषा ये है, कि वो आती कम है और जाती ज्यादा है. लालटेन काल का अंधेरा अब छट चुका है. बिहार की आकांक्षा अब लगातार बिजली और एलईडी बल्ब की है.
प्रधानमंत्री ने कहा कि बिहार में पहले अस्पताल में एक डॉक्टर का मिलना दुर्लभ था. अब जगह-जगह मेडिकल कॉलेज और एम्स जैसी सुविधाओं की आकांक्षा है. पहले गांव-गांव में मांग थी कि किसी तरह खड़ंजा बिछ जाए, अब हर मौसम में बनी रहने वाली चौड़ी सड़कों की आकांक्षा है।
पीएम ने कहा कि आज एनडीए सरकार का जोर है कि सरकारी सेवाओं और सुविधाओं से कोई क्षेत्र या कोई व्यक्ति छूट न जाए. इसके लिए ज्यादा से ज्यादा टेक्नोलॉजी का उपयोग किया जा रहा है. पटना में ही शहरी गरीबों को 28 हजार पक्के घर टेक्नोलॉजी के उपयोग से स्वीकृत हुए हैं।
बिहार में आईटी हब बनने की पूरी संभावना है. यहां पटना में भी प्ज् की बड़ी कंपनी ने अपना ऑफिस खोला है. सिर्फ ऑफिस ही नहीं खुला है, बिहार के नौजवानों के लिए नए अवसर भी खुले हैं. बीते वर्षों में दर्जन भर बीपीओ पटना, मुजफ्फरपुर और गया में खुले हैं.
उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति में भाषा और अवसरों के अभाव के कारण बिहार का जो हमारा गरीब और वंचित छूट जाता था, उसको सबसे ज्यादा लाभ होने वाला है।
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