29 सितंबर पटना : भारतीय जनता पार्टी के प्रदेश प्रवक्ता अरविन्द कुमार सिंह ने कहा है कि जब केंद्र में कांग्रेस की सरकार थी, और बिहार में राजद की सरकार थी, कांग्रेस और यूपीए गठबंधन के दोगली नीतियों के कारण आज देश की जनता ने कांग्रेस राजद और यूपीए गठबंधन को पूरे देश में नकार चुकी है।
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प्रवक्ता अरविंद सिंह ने बताया कि जब कांग्रेस और राजद का देश और राज्य में डबल इंजन की सरकारें थी। उस समय वे हिम्मत नहीं कर सके कि जातीय जनगणना इस देश में हो।
उन्होंने बताया कि कर्नाटक जैसे राज्य में कांग्रेस की सरकार जब थी वहां जातीय जनगणना कराया भी तो उसको लागू नहीं किया। और आज जातीय जनगणना के लिए सियासत कर रहे हैं, और इनका जोश में उबाल आ रहा है। जब जनता ने इनको अवसर दिया था उस समय इन्होंने कराया नहीं। और कांग्रेस और राजद की सरकारें घोटालों में ब्यस्त थी।
नेता प्रतिपक्ष तेजस्वी याद को अपने पिता जो उस समय के मुख्यमंत्री श्री लालू प्रसाद यादव जी से और गठबंधन के सहयोगी कांग्रेस पार्टी से पूछने चाहिए कि जब उनको अवसर मिला था जब उनकी डबल इंजन की सरकारें थी, तो क्यों नहीं जातीय जनगणना करा सके। अब जो सियासी बेरोजगारी दूर करने के लिए यह जनगणना की खेल शुरू किए हैं।
उन्होंने नेता प्रतिपक्ष की ओर इशारा करते हुए कहा कि यह पब्लिक है भाई सब जानती है, वैसे आप मुंगेरीलाल के हसीन सपने देख सकते हैं। आज प्रधानमंत्री मोदी ने इस देश की जनता को विकास की राह पर जब अग्रसर कर दिया हैं सबका साथ सबका विकास के मूल मंत्र के साथ देश की जनता चल चुकी है तो यह लोग जातीय जनगणना के नाम पर जनता को गुमराह करने में लगे हैं। क्योंकि इनकी सियासी बेरोजगारी दूर हो सके।
अरविन्द सिंह ने कहा है कि 4,28000 जातियों का जनगणना नहीं कराया जा सकता है। कोई कंप्यूटर में उसका कॉलम नहीं बन सकता है।
1931 में जो जनगणना हुई थी मात्र 24 जातियों की ही हुई थी।
वैसे केंद्र सरकार ने राज्यों को स्वतंत्र कर दिया है कि जो भी राज्य अपने खर्चे पर जनगणना कराना चाहते हैं वह जातीय जनगणना करा सकते हैं।
उन्होंने कहा कि सरकार की मंशा साफ है, कि देश सबका साथ सबका विकास और सब का प्रयास के मुल मंत्र के साथ हम इस देश को आगे बढ़ाएंगे।
हम जब तक समाज के अंतिम व्यक्ति को मुख्यधारा से नहीं जोड़ देंगे तबतक देश में भाजपा चैन से बैठने वाली नहीं है।
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