नागरिकता कानून को लेकर जेडीयू के राष्ब्ट्रीय उपाध्यक्ष प्रशांत किशार का अमित शाह के खिलाफ बयानबाजी करना महंगा पड़ रहा है। इसे लेकर बिहार भाजपा ने नाराजगी जताई है। साथ हीं उन्हें अमर्यादित व अराजनीतिक करार दिया है।
प्रदेश भाजपा प्रवक्ता डॉ निखिल आनंद ने कहा कि ऐसी टिप्पणी बर्दाश्त के बाहर है। सच्चाई है कि पीके में मुखिया- सरपंच का भी चुनाव जीतने की क्षमता नहीं है।
एनडीए के हितों के विरूद्ध है बयानबाजी
बुधवार को जारी बयान में प्रवक्ता ने कहा कि पीके न सिर्फ जेडीयू के शीर्ष नेतृत्व बल्कि एनडीए गठबंधन हितों के खिलाफ बयानबाजी कर रहे हैं। एनपीआर और सीएए जैसे कानून बनाने का अधिकार केंद्र सरकार को है। उनके बयानों से ऐसा लगता है मानो उनका मकसद किसी खास राजनीतिक समूह के पक्ष में प्रोपगंडा करना है।
पीके ने गृह मंत्री पर दिया था बयान
Being dismissive of citizens’ dissent couldn’t be the sign of strength of any Govt. @amitshah Ji, if you don’t care for those protesting against #CAA_NRC, why don’t you go ahead and try implementing the CAA & NRC in the chronology that you so audaciously announced to the nation!
— Prashant Kishor (@PrashantKishor) January 22, 2020
जदयू के वरिष्ठ नेता प्रशांत किशोर ने नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) और राष्ट्रीय नागरिक रजिस्टर (एनआरसी) को लेकर केंद्रीय गृह मंत्री अमित शाह पर निशाना साधा है। पीके ने ट्विट कर कहा है कि जनता की असहमति का परवाह नहीं करना सरकार की ताकत का संदेश नहीं हो सकता है। अमित शाह अगर सीएए और एनआरसी का विरोध करने वालों की परवाह नहीं करते हैं तो वे आगे बढ़ें और सीएए व एनआरसी को उसी अनुरूप देश में लागू करने की कोशिश करें, जैसा उन्होंने देश को इसके बारे में बताया था।
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