
मंगलवार दिन बड़ा खास रहा जब सीएम नीतीश कुमार अचानक बाढ पीड़ितों का हाल जानने खोरमपुर बांध पर पहुंच गए। दरअसल, मुख्यमंत्री के दौरे की अधिकारियों को छोड़कर किसी को भी कोई खबर नहीं थी। दोपहर में बांध पर पुलिस और आला अधिकारियों की गहमागहमी देखकर कानो कान बाढ़ पीड़ितो को मुख्यमत्री के आने का अंदेशा हो रहा था। यही कारण रहा कि खोरमपुर बांध पर मुख्यमंत्री के पहुंचने से पहले काफी संख्या में बाढ़ पीड़ित भी अपना दुखरा लेकर सीएम के पास पहुंच गए थे। सीएम नीतीश कुमार भी लोगों से सीधे रू-ब-रू होने के मूड में आए थे।
डीएम से सीएम ने कहा अरे महिला बोल रही है दिलवा दीजिए

दोपहर 03ः36 मिनट पर जैसे ही सीएम खोरमपुर बांध पर अपनी गाड़ी से निकलकर आगे बढ़े, बांध पर अपने घरों का सामान लिए खड़ी महिला को देखकर नीतीश कुमार वहां रूके। सीएम ने पूछा घर का सारा सामान सड़क पर यहां क्यों रखी हैं, जिसपर रुक्मणी देवी और सीता देवी सहित अन्य महिलाओं ने बताया कि “की करियै कोय उपाय नैय छै’’’’।
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सीएम ने कहा अरे प्रशासन आपके लिए व्यवस्था करायगी। पीड़ित महिला ने कहा “एगो पन्नीओ त घोर झांपेय लैय नैय देलकै हन’’’’ पास खड़े डीएम की तरफ जैसे ही सीएम ने देखा तो डीएम ने कहा सर दो हजार पॉलीथीन शीट बंटा गया है। जिस पर वहां खड़ी महिलाओं ने कहा कि नै नै हमरा अर कुछ नै मिल लै हन इस पर सीएम ने कहा अरे महिला बोल रही है दिलवा दीजिए।
सीएम ने किया अचानक दौरा
भागलपुर व नवगछिया का बाढ़ग्रस्त क्षेत्र का भ्रमण कर पटना वापसी के क्रम में मुख्यमंत्री नीतीश कुमार अचानक बेगूसराय के बाढ़ प्रभावित क्षेत्र का भ्रमण करने मटिहानी के खोरमपुर पहुंच गए। हालांकि मुख्यमंत्री के आने की सूचना मीडिया को नहीं दी गई थी। जानकारी लेने पर न जिला प्रशासन द्वारा कुछ बताया जा रहा था, न जदयू नेता ही बता रहे थे।

भीड़ और सीएम से मिलने की लोगो की बेताबी के कारण सुरक्षा कर्मी काफी परेशान रहे
खोरमपुर बांध पर बाढ़ पीड़ितों का हाल जानने पहुंचे सीएम नीतीश कुमार कुछ समय छोड़ हमेशा स्थानीय लोगों के भीड़ के बीच घिरे रहे। सीएम को सामने देख हर बाढ़ पीड़ित अपनी समस्या सुनाने के लिए सीधे सीएम के करीब पहुंच जाते थे। सीएम भी रुक रूककर लोगों की बात सुन साथ चल रहे अधिकारी को निर्देश देते नजर आएं। लगातार कोशिश के बाद भी लोगों की भीड़ कम नहीं होते देख सीएम की सुरक्षा में लगे सुरक्षा कर्मी एक-दूसरे का हाथ थाम कर कर सीएम को सुरक्षा घेरे में लेकर चलने लगे। भीड़ और सीएम से मिलने की लोगो की बेताबी के कारण सुरक्षा कर्मी काफी परेशान रहे।
वोट दिए हैं तो समस्या भी आपसे ही कहेंगे, बांध बनवाइये या दीवार
इस तरह सीएम आगे बढ़ते गए और ग्रामीणों का हुजूम अलग-अलग तरह के सवाल को लेकर शोर कर रही थी। भीड़ में कोई कह रहा था, यहां त कोय देखय बला नैय छै, नै जानवर के चारा मिलैय छै, नै रहैय क व्यवस्था छै, सरकार अगर बांध बनवाय देतैय र तो इस समस्या नैय होतय र। 03ः44 मिनट पर भीड़ से एक युवक एकाएक सीएम के सामने आ गया, कहने लगा वोट दैलिए हन हीनका त दुख कैकरा सुनैइये। कौशल सिंह नामक युवक ने मुख्यमंत्री नीतीश कुमार से कहा कि हर बार बाढ़ से प्रभावित होते है। इस समस्या का स्थायी निदान हो इसके लिए बांध या दीवार घेर दीजिए।
सीएम लौटने लगे तो भागे-भागे पहुंचे मटिहानी के विधायक राजकुमार
बाढ़ पीड़ितों का जायजा लेने मटिहानी प्रखंड के खोरमपुर बांध पर पहुंचे सीएम नीतीश कुमार वहां 24 मिनट तक रूके। लेकिन इस दौरान जदयू के एक भी बड़े नेता और कार्यकर्ता वहां नहीं दिखे। 20 मिनट तक लोगों की शिकायत सुनने और भ्रमण के बाद जब सीएम लौटने लगे तो मटिहानी विधायक राजकुमार सिंह अपने समर्थकों के साथ भागे-भागे पहुंचे सीएम के पास पहुंचे और सीएम के सामने अपनी पीड़ा सुनाने के लिए परेशान स्थानीय लोगों को शांत करने की कोशिश की। फिर जदयू समाज सुधार सेनानी प्रकोष्ठ के जिलाध्यक्ष गौरव सिंह राणा भी पहुंचे। जिसके बाद जदयू कार्यकर्ता नीतीश कुमार जिंदाबाद का नारा लगाते हुए उन्हें विदा किया।
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