प्रदेशों से लौट रहे प्रवासी मजदूरों को लेकर बिहार की नीतीश सरकार ने नई रणनीति तैयार की है। सरकार ने कहा कि देश के चयनित केवल 11 शहरों से लौटे लोगों को हीं क्वारंटीन किया जाएगा।
पिछले 3 सप्ताह में लौटे 13 लाख प्रवासी
बीते तीन सप्ताह में बिहार राज्य में 13 लाख से भी ज्यादा प्रवासी मजदूर देश के अलग-अलग हिस्सों से लौटे हैं। राज्य सरकार की ओर से तय किए गए नियम के मुताबिक इन सभी प्रवासी मजदूरों को सरकारी क्वारनटीन केंद्रों में रखा जा रहा है। क्वारनटीन सेंटरों में रखे गए मजदूरों के लिए तीन वक्त के खाने का इंतजाम किया जा रहा है। आने वाले 10 दिनों में बिहार में करीब 20 लाख प्रवासी मजदूर दूसरे राज्यों से लौटेंगे।
मजदूरों के ठहरने के प्रबंध को लेकर नीतीश सरकार ने यह फैसला किया है। आपको बता दें कि अभी लगभग 6000 क्वारंटीन सेंटर काम कर रहे हैं। लेकिन आने वाले दिनों में काफी संख्या में मजदूर लौटेंगे, जिनसे परेशानी उत्पन्न होगी। इसी को लेकर रणनीति में बदलाव किया गया हैं
लौटे प्रवासियों के लिए दो लिस्ट
बिहार सरकार के आपदा विभाग के प्रधान सचिव प्रत्यय अमृत ने सभी जिलाधिकारियों को एक पत्र लिखा है, जिसमें देश के अलग-अलग हिस्सों से लौटने वाले प्रवासी मजदूरों को दो हिस्सों में बांटा गया है. पहले लिस्ट में ऐसे प्रवासी मजदूर शामिल होंगे, जो 11 शहरों से वापस बिहार लौटे हैं. जहां पर कोरोना संक्रमण का खतरा सबसे ज्यादा है.
ये हैं वो 11 शहर
जो मजदूर मुंबई, पुणे, अहमदाबाद, सूरत, दिल्ली, गाजियाबाद, नोएडा, गुरुग्राम, फरीदाबाद, बेंगलुरु और कोलकाता से वापस बिहार लौटेंगे, उन्हें अनिवार्य तौर पर सरकारी क्वारनटीन केंद्र में 14 दिनों तक रहना होगा।
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