भारतीय जनता पार्टी के कद्दावर नेता शहनवाज हुसैन की बढ़ी मुश्किलें, कोर्ट ने पुलिस को आइपीसी की धारा 173 के तहत अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने तथा शहनवाज हुसैन पर प्राथमिकी दर्ज करने का दिया आदेश……

भारतीय जनता पार्टी के दिग्गज नेताओं में शुमार और बिहार के पूर्व उद्योग मंत्री शहनवाज हुसैन की मुश्किलें बढ़ती नजर आ रही हैं। दिल्ली हाइकोर्ट ने दुष्कर्म के एक मामले में भाजपा नेता पर केस दर्ज करने का आदेश जारी किया है। शाहनवाज हुसैन इस मामले में निचली अदालत के फैसले को चुनौती दे रहे थे लेकिन हाइकोर्ट ने उस याचिका को खारिज कर दिया है। वहीं अदालत ने इस मामले की सुनवाई के दौरान पुलिस को फटकार भी लगाई है।

बिहार के पूर्व उद्योग मंत्री शाहनवाज हुसैन का नाम भाजपा के कद्दावर नेताओं की सूची में आता हैं। दिल्ली हाइकोर्ट के आदेश ने उनकी मुश्किलें बढ़ा दी है। शाहनवाज हुसैन दुष्कर्म के एक मामले में आरोपित हैं। जिसमें पीड़िता ने वर्ष 2018 में ही प्राथमिकी करने की मांग की थी।

हाईकोर्ट ने प्राथमिकी दर्ज करने पर लगाई थी अंतरिम रोक….
मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, दिल्ली के साकेत कोर्ट ने कुछ महीने बाद ही शनावक हुसैन पर प्राथमिकी दर्ज करने का पुलिस को आदेश भी दिया था। इस आदेश को शाहनवाज हुसैन ने साकेत कोर्ट में ही विशेष जज के सामने चुनौती दे दी थी। लेकिन वहां राहत नहीं मिलने के बाद मामला हाइकोर्ट पहुंचा था। हाईकोर्ट ने 2018 में ही प्राथमिकी दर्ज करने के आदेश पर अंतरिम रोक लगायी थी। मीडिया रिपोर्ट के अनुसार, शाहनवाज हुसैन के इस मामले में हाइकोर्ट ने पुलिस को फटकार लगाया है। कोर्ट ने ये आशंका जाहिर किया है कि पुलिस केस दर्ज करने में हिचक रही है। न्यायालय ने पुलिस के रवैये पर भी प्रश्न खड़ा किया है। वहीं याचिकाकर्ता की अपील को खारिज करते हुए कोर्ट ने दिल्ली पुलिस को तीन महीने के अंदर मामले की जांच करने और आइपीसी की धारा 173 के तहत अदालत में आरोप पत्र दाखिल करने का निर्देश दिल्ली पुलिस को दिया है।

क्या है पूरा मामला…
भाजपा के कद्दावर नेता शाहनवाज हुसैन के खिलाफ अप्रैल 2018 में दिल्ली की एक महिला ने दुष्कर्म का आरोप लगाया था। महिला का आरोप है कि छतरपुर के एक फॉर्म हाउस में नशीला पदार्थ खिलाकर उसके साथ दुष्कर्म किया गया। महिला ने इसकी शिकायत दिल्ली पुलिस में की लेकिन मामला दर्ज नहीं होने पर अदालत की शरण में गयी। इस मामले में साकेत जिला अदालत ने दिल्ली पुलिस को केस दर्ज करने का निर्देश दिया था।