बिहार के वन, पर्यावरण एवं जलवायु परिवर्तन मंत्री तेज प्रताप यादव के गृह जिला गोपालगंज में राष्ट्रीय पक्षी मोर  लगातार मर रहे…पिछले आठ दिनों से मोरों के मरने  का सिलसिला जारी…

वन विभाग अबतक छह मोर के शव का पोस्टमार्टम करा चुका है, लेकिन मोर के संरक्षण को लेकर अबतक कोई कारगर कदम नहीं उठाया है। मामला भोरे प्रखंड  के जगतौली, हुस्सेपुर और खेदुआपुर गांव का है, जहां ग्रामीणों ने बड़ी संख्या में मोर के होने की जानकारी दी है। वहीं, डीएम डॉ नवल किशोर चौधरी ने इस पूरे मामले में जिला वन पदाधिकारी से जांच कर रिपोर्ट मांगी है। डीएम ने कहा कि पोस्टमार्टम रिपोर्ट  आने के बाद स्पष्ट हो पायेगा कि मोरों की मौत किस वजह से हुई।

इस इलाके में पिछले छह जनवरी को पांच मोर का शव पाया गया था, जिसे शिकारियों ने शिकार करने के बाद पंख को तस्करी करने के लिए नोंच लिया था और मोर के शव को झाड़ियों में फेंक दिया था। इस घटना के बाद वन विभाग ने सभी मोर के शव को बरामद कर पोस्टमार्टम कराया और राष्ट्रीय सम्मान के साथ सभी मोर के शव को दफना दिया। ग्रामीणों ने वन विभाग के अधिकारियों से मोर के संरक्षण की मांग उठाई, लेकिन अबतक कोई कदम वन विभाग की ओर से नहीं उठाया गया है।

विवार को मिले एक और मोर के शव पर उसके पंख सलामत थे… 

इधर, एक बार फिर रविवार को भोरे प्रखंड की हुस्सेपुर पंचायत के खेदुआपुर गांव के पास हुस्सेपुर राज के अवशेषों में उगे झाड़ियों के बीच ग्रामीणों ने एक मोर के शव को देखा। इसके बाद उसे झाड़ियों से निकाला गया। इस बार मोर के पंख सही सलामत थे। ग्रामीणों ने ठंड से मौत होने की बात कही है। दूसरी तरफ सूचना मिलने पर पहुंची वन विभाग की टीम ने राष्ट्रीय पक्षी मोर को तिरंगे में लपेट कर ले गयी।