
महिला आरक्षण बिल लोकसभा से पास होने के बाद राज्यसभा में चर्चा हो रही है… राज्चयसभा में चर्चा की शुरुआत कांग्रेस नेता रंजीत रंजन ने की… उन्होंने कहा कि आपने इसे नारी शक्ति वंदन विधेयक नाम दिया है…. महिलाओं को वंदन नहीं, समानता का अधिकार चाहिए…उन्होंने कहा कि आपकी सरकार में महिलाओं की कितनी वंदना होती है, यह हमको मालूम है… जब आपको सत्ता पाने की जरूरत होती है, तब आप महिलाओं को देवी बनाकर उसकी पूजा करने लगते हैं…
इस कदम से नारी का सशक्तिकरण होगा और नारी को ताकत मिलेगी
रंजीत रंजन के बाद बीजेपी के राष्ट्रीय अध्यक्ष जेपी नड्डा ने कहा कि इस कदम से नारी का सशक्तिकरण होगा और नारी को ताकत मिलेगी….नारी शक्ति वंदन विधेयक- यह शब्दावली ही हमारी पार्टी के दृष्टिकोण को स्पष्ट करती है… हमारे मन में धारणा बनी है कि हम महिलाओं के लिए काम कर अहसान कर रहे हैं….लेकिन हमेशा ही हमारी संस्कृति में महिलाओं का ऊंचा स्थान रहा है। हमने नारी को शक्ति और देवी के रूप में देखा है…..
नड्डा बोले- आज बिल पास हो गया तो 2029 में 33 फीसदी महिलाएं सांसद बनकर आ जाएंगी…महिला आरक्षण बिल लागू होने में देरी क्यों ? आरक्षण बिल में कुछ महिलाओं को आरक्षण क्यों नहीं ? विपक्ष के इन सवालों पर राज्यसभा में नड्डा ने जवाब देते हुए कहा, ‘महिलाओं को किस सीट पर रिजर्वेशन मिले, किस सीट पर नहीं मिलना चाहिए? ये फैसला सरकार नहीं कर सकती. ये फैसला आयोग करेगा. इससे पहले जरूरी है कि पहले जनगणना होनी चाहिए, परिसीमन आए. ….इसलिए आज बिल पास होने के बाद 2029 में 33 फीसदी महिलाएं सांसद बन कर आ जाएंगी और अगर ये बिल आज पास नहीं होता है तो 2029 में भी 33 फीसदी महिलाएं सांसद नहीं बन पाएंगी.’
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