बिहार में देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश, राज्य में सबसे गरीब भूमिहार-यादव.. कायस्थ सबसे अमीर:

बिहार में विधानमंडल का शीतकालीन सत्र का आज दूसरा दिन है। सत्र के शुरू होते ही सदन के पटल पर जाति आधारिक गणना की आर्थिक रिपोर्ट पेश कर दी गई। बिहार में देश का पहला जातिगत आर्थिक सर्वे पेश किया गया है। इस रिपोर्ट में बताया गया है कि किस वर्ग और किस जाति में कितनी गरीबी है। रिपोर्ट के मुताबिक बिहार में पिछड़ा वर्ग के 33.16%, सामान्य वर्ग में 25.09%, अत्यंत पिछड़ा वर्ग में 33.58%, SC के 42.93% और ST 42.7% गरीब परिवार हैं।

भूमिहार और यादव सबसे ज्यादा गरीब

बिहार सरकार ने जिन जातियों को सवर्णों में शामिल किया है, उसमें हिन्दू और मुसलमान धर्म की 7 जातियां हैं। सामान्य वर्ग में भूमिहार सबसे ज्यादा 25.32% गरीब हैं। कायस्थ 13.83% गरीब आबादी के साथ सबसे संपन्न हैं। वहीं पिछड़ा वर्ग में यादव जाति के लोग सबसे गरीब हैं।

बिहार विधानसभा के शीतकालीन सत्र के दूसरे दिन मंगलवार को जातीय गणना की आर्थिक रिपोर्ट की कॉपी विधायकों को बांटी गई। आबादी की शैक्षणिक स्थिति की बात करें तो 7 फीसदी लोग ग्रेजुएट हैं। इधर प्रवासी बिहारियों को लेकर चौंकाने वाला आंकड़ा सामने आया है। महज 1.22 फीसदी आबादी ही राज्य से बाहर रहती है।

  • सर्वे की रिपोर्ट में सबसे गरीब परिवारों में रोचक आंकड़े सामने आए हैं। सामान्य वर्ग में सबसे गरीब जाति भूमिहार है। इनकी कुल संख्या 2 लाख 31 हजार 211 है, जो 27.58% है। सामान्य वर्ग में मुस्लिम धर्म की शेख जाति दूसरे नंबर है।
  • इनकी संख्या 2 लाख 68 हजार 398 है, जो कि 25.84% है। इसके बाद तीसरे नंबर पर ब्राह्मण हैं। इनकी कुल संख्या 2 लाख 72 हजार 576 है, जो कि 25.32% है।
  • इधर पिछड़ा वर्ग में सबसे गरीब यादव जाति है। इनकी संख्या 13 लाख 83 हजार 962 है, जो कि 35.87% है। इनके बाद कुशवाहा (कोईरी) हैं, जिनकी संख्या 4 लाख 6 हजार 207 है। यह 34.32% है।

22.67% आबादी के पास कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा

बिहार की 22.67% आबादी के पास कक्षा 1 से 5 तक की शिक्षा है। 14.33% आबादी के पास कक्षा 6 से 8 तक की शिक्षा है। 14.71% आबादी के पास और कक्षा 9 से 10 तक की शिक्षा है। वहीं 9.19 फीसदी आबादी के पास कक्षा 11 से 12 तक की शिक्षा है।

ग्रेजुएट की शिक्षा 7 फीसदी से ज्यादा आबादी के पास
वहीं सामान्य वर्ग में 10 से 20 हजार मासिक आय 19% आबादी है। 20 से 50 हजार मासिक आय 16% आबादी है।50 हजार से ज्यादा मासिक आय वाले 9% हैं। छह हजार मासिक आय वाले 25% हैं।