लोकसभा चुनाव से पहले हेमंत सोरेन की भाभी ने JMM से दिया इस्तीफा, जानें कौन हैं ये सीता सोरेन

इस समय बड़ी खबर झारखंड की सियासत से निकलकर सामने आ रही है। लोकसभा चुनाव से पहले जेएमएम को बड़ा झटका लगा है। जेएमएम अध्यक्ष और पूर्व सीएम की बड़ी बहू और जामा विधानसभा से विधायक सीता सोरेन ने पार्टी से इस्तीफा दे दिया है

झारखंड मुक्ति मोर्चा (झामुमो) की विधायक सीता सोरेन ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया है। हाल ही में नोट के बदले वोट केस मामले में सीता सोरेन का नाम तेजी से सामने आया था। सुप्रीम कोर्ट ने आदेश दिया था कि उन्हें विशेष सीबीआई अदालत के समक्ष मुकदमे का सामना करना होगा, जो पहले से ही 2012 के खरीद-फरोख्त मामले में गवाहों से पूछताछ कर रही है।

सीता सोरेन ने पार्टी सुप्रीमो शिबू सोरेन को पत्र लिखकर पार्टी के सभी पदों से इस्तीफा देने की बात कही है। उन्होंने पत्र में लिखा है कि उनके पति दुर्गा सोरेन के निधन के बाद से ही उनके और उनके परिवार की उपेझा हो रही थी। पार्टी और परिवार के सदस्यों ने उन्हें अलग थलग कर दिया था, जो उनके लिए काफी पीड़ा दायक था। उन्होंने लिखा कि उन्हें उम्मीद थी कि स्थितियां सुधरेंगी लेकिन ऐसा नहीं हुआ।

सीता सोरेन झामुमो मुक्ति मोर्चा के प्रमुख रहे शिबू सोरेन की बड़ी बहू और मुख्यमंत्री हेमंत सोरेन की भाभी हैं। वह दुमका की जामा विधानसभा सीट से तीन बार की विधायक हैं। 

जानें कौन हैं सीता सोरेन

साल 2009 में शिबू सोरेन के बड़े बेटे व झामुमो के तत्कालीन महासचिव दुर्गा सोरेन की बोकारो में संदेहास्पद स्थिति में मौत हो गई थी। वह उस वक्त महज 39 साल के थे। मौत की वजह किडनी फेल होना बताया गया।

बड़े भाई के निधन के बाद ही हेमंत सोरेन का पार्टी में कद बढ़ा। हालांकि, बावजूद इसके हेमंत की कैबिनेट में कभी उन्हें शामिल नहीं किया गया। कहा जाता है, इसे लेकर कहीं न कहीं वह गुस्से में हैं। सीता सोरेन अक्सर राज्य में अवैध खनन और परिवहन के मुद्दे को लेकर मुखर रही हैं।

ओडिशा के मयूरभंज में पैदा हुईं सीता सोरेन 12वीं तक की पढ़ाई की हैं। उनके पिता का नाम बोदु नरायन मांझी और मां का नाम मालती मुर्मू हैं। उनकी तीन बेटियां हैं। सीता सोरेन पढ़ने की भी शौकीन हैं और साहित्य के क्षेत्र में मुंशी प्रेमचंद्र को अपना आदर्श मानती हैं।

साल 2021 के अक्टूबर में उनकी दो बेटियों राजश्री सोरेन और जयश्री सोरेन ने अपने पिता के नाम पर एक पार्टी का गठन किया था। इसका नाम दुर्गा सोरेन सेना रखा गया