
लोक आस्था के महापर्व छठ पूजा का आज दूसरा दिन है। आज व्रती खरना पूजा करेंगे। नहाय खाय के साथ छठ महापर्व की शुरुआत कल यानी बुधवार को हो गई थी आज शाम खरना पूजा होगी। गुड़ और दूध में अरवा चावल से बनी खीर और रोटी का भोग लगाया जाएगा और इसे ग्रहण करने के बाद व्रती 36 घंटे तक चलने वाले निर्जला उपवास की शुरुआत करेंगे। कोरोना काल को देखते हुए इस बार का छठ बेहद सतर्कता वाला होगा। गंगा घाटों पर लोग अर्घ्य देने के लिए जाने से बचेंगे। प्रशासन की तरफ से भी लगातार अपील की जा रही है कि लोग कम से कम संख्या में गंगा घाट पहुंचे लेकिन आस्था का उफान ऐसा है कि गाड़ियां नहीं चलने के बावजूद बड़ी तादाद में लोग गंगा किनारे छठ पूजा करने के लिए जाने को तैयार हैं। प्रशासन ने पटना के गंगा घाटों पर हर तरह के इंतजाम पूरे कर लिए हैं हालांकि गाड़ियों का परिचालन गंगा किनारे वाली सड़कों और इलाकों में पूरी तरह से वर्जित रहेगा। पटना के गंगा घाट तक पहुंचने के लिए कम से कम 1 किलोमीटर और ज्यादा से ज्यादा 3 किलोमीटर तक व्रतियों को पैदल चलना होगा। वहीं कोरोना संक्रमण को देखते हुए कई परिवार अपने घर की छतों औरआसपास के तालाब पर ही छठ पूजा करने का मन बना चुके हैं। ज्यादातर लोगों ने घर के छत के ऊपर ही कुंड बनाकर छठ पूजा करने की तैयारी की है। आपको बता दें कि 20 नवंबर को व्रती अस्ताचलगामी सूर्य को अर्घ्य देंगे और 21 नवंबर की सुबह उदयीमान सूर्य को अर्घ्य देने के साथ छठ महापर्व का समापन हो जाएगा।
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