कोरोना काल में जब कोविड अस्पताल के आसपास से लोग गुजरना नही चाहते है ऐसे में सबसे अहम और हिम्मत वाला काम करने वाले वो फ्रंटलाइन वर्कर हैं, जिनका सामना सबसे पहले किसी भी कोविड के मरीज से होता है। ऐसे में नीतीश सरकार का एक बड़ा फैसला सामने आया है। बिहार में कोरोना के खिलाफ जारी जंग में पत्रकारों को फ्रंटलाइन वर्कर का दर्जा दिया गया है। वहीं नीतीश कुमार के निर्देश पर संबंधित विभाग ने इस संबंध में पत्र जारी कर दिया है। जिसकी जानकारी रविवार को राज्य के सूचना एवं जनसंपर्क विभाग द्वारा जारी बुलेटिन में दी गयी है।
सभी एक्रिडियेटेड और नॉन एक्रिडियेटेड पत्रकारों का होगा टीकाकरण
इसमें कहा गया है कि बिहार के सभी एक्रिडियेटेड और नॉन एक्रिडियेटेड पत्रकारों का प्राथमिकता के आधार पर टीकाकरण किया जायेगा। नॉन एक्रिडियेटेड पत्रकारों को जिला जनसम्पर्क पदाधिकारी से सत्यापन कराना होगा। नीतीश कुमार का मानना है कि कोरोना के दौर में पत्रकार अपनी जिम्मेदारी का बेहतर निर्वहण कर रहे हैं। वे कोरोना संक्रमण के खतरों के प्रति लोगों को जागरूक कर रहे हैं। कोरोना से बचाव के टीकाकरण में प्रिंट, इलेक्ट्रॉनिक और वेब मीडिया के पत्रकारों को प्राथमिकता दी जायेगी।
हालांकि बिहार के पत्रकारों को अब इसका लाभ तीसरे चरण के टीकाकरण अभिमान में ही मिल पायेगा। पत्रकारों का कहना है कि अधिकतर पत्रकार जिनकी उम्र 45 वर्ष से अधिक है आम लोगों के साथ लंबी लाइनों में लगकर टीकाकरण करवा चुके हैं। अव वैसे पत्रकार बच गये हैं जिनकी उम्र 45 साल से कम है। गौरतलब है कि तीसरे चरण के टीकाकरण में वैसे भी इन सभी लोगों का टीकाकरण किया जाना है।
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