चलिये फिर साईकिल से दोस्ती कर लें… मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने कहा दो पहियों की छोटी सी साइकिल, बिहार में ठोस सामाजिक क्रांति का सूत्रपात

उस दिन को याद करें जब आप साईकिल से स्कूल जाते थे, या फिर आपकी वो पहली साईकिल , या फिर दोस्त की साईकिल पर साथ बैठगप्पे लड़ाते कहीं जाना, और चढ़ाई वाले सड़क पर आपके उतर जाने का आग्रह और वीरता दिखाते हुए दोस्त का कहना की बैठे रहो , मैं चढ़ाई पार कर लूंगा, या फिर बाबूजी की साईकिल । डाकबाबू की साईकिल की घंटी और फेरीवाले के साईकिल में आंडियो कैसेट के रील की लगी झालर। न ट्राफिक का झंझट न तेल के महंगे होते भाव की चिंता। क्या बाईक और कार, साईकिल वाला सुख दे सकते हैं ! नहीं न तो फिर क्यूं हम दिखावे के पीछे अपनी इस प्यारी साईकिल को कुर्बान कर रहे हैं , चलिये फिर साईकिल से दोस्ती कर लें और घंटी बजाते निकल पड़े मुस्कुराहटों के सफर पर।

वैसे तो आजकल बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार सोशल मीडिया खासा एक्टिव दिख रहे हैं। वहीं, लगातार देखने को मिल रहा है कि वह सोशल मीडिया के माध्यम से बिहारवासियों से सीधा संपर्क साध रहे हैं, गुरुवार को भी ऐसा ही कुछ देखने को मिला। उन्होंने लगातार एक के बाद एक तीन ट्वीट किये। नीतीश कुमार ने विश्व साइकिल दिवस पर अपने पहले ट्वीट में साइकिल चलती हुई लड़कियों कि फोटो ट्वीट कर कहा कि दो पहियों की छोटी सी साइकिल ने बिहार में ठोस सामाजिक क्रांति का सूत्रपात किया है। इसने प्रदेश की बेटियों में आत्मविश्वास जगाया है। साइकिल, पोशाक और अन्य प्रोत्साहन योजनाओं के कारण मैट्रिक परीक्षा में छात्राओं की संख्या छात्रों के बराबर हो गई है।

इसके बाद उन्होंने पटना में स्कूल के लड़कियों की साइकिल चलाते हुए फोटो शेयर करते हुए ट्वीट कर कहा कि जब हमने साइकिल योजना की शुरुआत की थी, पटना तक में लड़कियां खुलेआम साइकिल नहीं चलाती थीं। इस योजना ने तत्काल लोगों की सोच बदल दी। गांव-गांव में बेटियों को बिना किसी भय या संकोच के साइकिल की सवारी करते देख कर जो संतोष मिलता है, वह अतुलनीय है।

बता दें कि पिछले लॉकडाउन के दौरान जब सबकुछ बंद था, तब लाखों लोगों ने पैदल या किसी संसाधन का जुगाड़ करके पलायन किया था। इसमें ज्योति भी थी। दरभंगा जिले के सिंहवाड़ा प्रखंड के सिरहुल्ली गांव की 15 साल की ज्योति लॉकडाउन के दौरान अपने पिता मोहन पासवान को साइकिल पर बैठाकर गुरुग्राम से 8 दिन में दरभंगा पहुंची थी। इसको लेकर वह देश ही नहीं, विदेशी मीडिया में भी छा गई थी। अमेरिका के तत्कालीन राष्ट्रपति डोनाल्ड ट्रंप की बेटी इवांका ट्रंप ने ट्वीट कर जज्बे को सलाम किया था। इतना ही नहीं, ज्योति का इस कार्य के लिए अलग-अलग तरह से लोगों ने उसका सम्मान भी किया। साथही दरभंगा डाक विभाग ने ज्योति के सम्मान में माई स्टांप के तहत डाक टिकट जारी किया है।

नीतीश कुमार अपने आखरी ट्वीट में कहते हैं कि बिहार में पहले लड़कियों की उच्च शिक्षा केलिए कोशिश नहीं की जाती थी।पर,साइकिल सहित विभिन्न प्रोत्साहन योजनाओं के जरिए उनमें पढ़ने के प्रति ऐसी ललक पैदा हुई,कि आज उच्च शिक्षा से लेकर प्रतियोगी परीक्षाओं तक में बिहार की छात्राएं मजबूत उपस्थिति दर्ज करा रही हैं।

गौरतलब है कि बिहार सरकार एवं मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की महिला सशक्तिकरण याेजना के तहत महिलाओं को शिक्षित बनाने का अभियान लगातार चलाया जा रहा है। नीतीश कुमार के प्रयासों से राज्य में बेटियों में शिक्षा के प्रति लोगों का रूझान बढ़ा है। साथही समाज भी लड़कियों की शिक्षा को लेकर जागरूक हुआ है, उन्हें आगे पढ़ाने की प्रवृति बढ़ी है। अभी हाल ही में नीतीश कुमार ने ऐतिहासिक निर्णय लिया। दरअसल, बिहार के मुख्यमंत्री नीतीश कुमार लड़कियों की तकनीकी शिक्षा को लेकर बड़ा निर्णय लिया हैं। अब राज्य के इंजीनियरिंग एवं मेडिकल कॉलेजों के नामांकन में न्यूनतम एक तिहाई यानि 33 फीसदी सीटें छात्राओं के लिए आरक्षित की जाएगी।