जमीन छोड़ ट्विटर पर राजनीति कर रहे हैं तेजस्वी यादव- सुमीत श्रीवास्तव

भारतीय जनता पार्टी के युवा नेता सुमीत श्रीवास्तव ने कहा कि तेजस्वी यादव इस कोरोना के महामारी में भी अपनी जिम्मेदारी निर्वाहन नहीं कर पा रहे हैं। जब बिहार कोरोना महामारी जैसी भीषण महामारी के प्रकोप से जूझ रहा है तब नेता प्रतिपक्ष केवल गलत बयानबाजी करने में व्यस्त हैं।

इसके आगे श्रीवास्तव ने कहा कि नेता प्रतिपक्ष खुद दिल्ली में बैठकर बिहार की राजनीति कर रहे हैं ऐसा लगता है कि उन्होंने अपनी पार्टी को ट्विटर पार्टी बना दिया है। इस कोरोना के काल में तेजस्वी यादव को जब बिहार कि जनता सड़कों को पर खोज रही थी तब वो दिल्ली में बैठ फेसबुक लाइव और ट्वीट करने में व्यस्त थे। इनसब चीजों को देखकर ऐसा लगता है नेता प्रतिपक्ष के नेतृत्व वाली राजद लाठी और ट्विटर वाली पार्टी हैं बनकर रह गयी है।

उन्होंने कहा कि इंटरनेट मीडिया आने का सबसे अधिक फायदा राजद-कांग्रेस जैसे जमीन से कटे वंशवादी दलों को हुआ है। पहले छपने की मजबूरी के कारण इनके नेताओं को बाहर निकलना पड़ भी जाता था, लेकिन अब इंटरनेट मीडिया के कारण महज दो चार ट्वीट में ही इनकी राजनीतिक खानापूर्पि हो जाती है।

उन्होंने यह भी कहा कि राजद में हालात ऐसे हो चुके हैं कि अब लालू प्रसादजी भी लाठी छोड़ ट्विटर पकड़ चुके हैं। राजद का पूरा कुनबा ही अब फेसबुक और ट्विटर पर आश्रित हो चुका है। जनसेवा इनसे पहले भी नहीं होती थी, अखबार के पन्ने वैसे ही इनके काले कारनामों से रंगे रहते हैं। अब आपदा में लापता होने के बाद भी इन्हें बयान देने में आसानी होती है।

इससे बेहतर होता इस कोरोना काल मे बिहार ने जनता के बीच किसी ने सच में जनता की सेवा करने का काम किया है तो वह भारतीय जनता पार्टी के कार्यकर्ताओं ने किया। अपनी जान को जोखिम में डालकर भाजपा के कार्यकर्ता आजतक जरूरतमंदों की सेवा में लगे हुए हैं। एक-एक कार्यकर्ता अपने तरीके से अपने स्तर पर जनता की सेवा में लगा हुआ है।

क्या तेजस्वी अपना राजनीतिक रोजगार रहे तलाश

गौरतलब है कि इससे पहले जेडीयू के संजय ने कहा कि दरअसल रोजगार का मुद्दा उठाकर तेजस्वी यादव अपना राजनीतिक रोजगार तलाश रहे हैं। नेता प्रतिपक्ष को समझना चाहिए कि बिहार की जनता इतनी बेवकूफ नहीं है कि उनकी बातों में आ जाए। वैसे भी अगर तेजस्वी बिहार में रहेंगे तो उन्हें नीतीश कुमार की सरकार द्वारा रोजगार सृजन के क्षेत्र में किए गए काम दिखेंगे। बिहार का युवा आज न केवल सामान्य शिक्षा बल्कि तकनीकि तथा व्यावसायिक शिक्षा में भी अपनी पकड़ बना रहा है।