शिक्षा विभाग के अपर मुख्य सचिव दीपक कुमार सिंह की अध्यक्षता में मंगलवार को हुई वर्चुअल मीटिंग में सभी डीइओ को आदेश दिया गया कि छठे चरण में चयनित सभी 43 हजार से अधिक शिक्षकों के सभी तरह के शैक्षणिक और प्रशैक्षणिक प्रमाण पत्र एनआइसी की वेबसाइट पर अपलोड कर दिये जाएं। इस दौरान मुख्यालय पर मौजूद विभिन्न विशेषज्ञों ने सभी डीइओ व अन्य पदाधिकारियों को प्रेजेंटेशन के जरिये उसका तरीका भी समझाया। अपर मुख्य सचिव ने हिदायत दी कि प्रमाणपत्र अपलोड करने की समूची कवायद 10 दिनों में पूरी हो जानी चाहिए। इसके अलावा उन्होंने नव नियुक्त शिक्षकों के वेतन के संदर्भ में जरूरी हिदायत दी।
चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज रहेंगे विभाग के पास सुरक्षित
चयनित अभ्यर्थियों के दस्तावेज अपलोड होने से विभाग के पास ये हमेशा सुरक्षित रहेंगे। जिलों के शिक्षा पदाधिकारियों ने उन्हें जानकारी दी कि प्रमाणपत्रों की जांच खत्म होने वाली है। पटना सहित कुछ जिलों में तो शिक्षकों के खाते भी खोलना शुरू कर दिया गया है। बताया गया कि बहुत जल्द वेतन भुगतान की कवायद शुरू कर दी जायेगी। इस मीटिंग में 150 करोड़ से अधिक के लंबित डीसी बिलों को ट्रेजरी में जमा करने का निर्देश दिया गया। इसके अलावा पोस्ट मैट्रिक छात्रवृत्ति के भुगतान 25-26 मई तक करने का निर्देश दिया गया. यह तिथि पूर्व निर्धारित है।
एनआइटी पटना ने 85 शिक्षकों के लिए बहाली
एनआइटी पटना ने विभिन्न डिपार्टमेंट में प्रोफेसर, असिस्टेंट प्रोफेसर व एसोसिएट प्रोफेसर के लिए आवेदन मांगे हैं। कुल 85 पद के लिए ऑनलाइन और ऑफलाइन दोनों मोड में आवेदन मांगे गये हैं। बुधवार से आवेदन फॉर्म ऑनलाइन जारी कर दिये जायेंगे। सिविल इंजीनियरिंग, इलेक्ट्रिकल इंजीनियरिंग, कंप्यूटर साइंस, मैकेनिकल और आर्किटेक्चर डिपार्टमेंट में नियुक्ति होगी। कैंडिडेट्स को ऑनलाइन आवेदन फॉर्म 10 जून शाम पांच बजे तक जमा करना होगा। ऑफलाइन मोड के लिए फॉर्म डाउनलोड कर उसकी हार्ड कॉपी भरकर, सेल्फ अटेस्टेट डॉक्यूमेंट्स के साथ जमा करना है। स्पीड या रजिस्टर पोस्ट के जरिए एनआइटी पटना को 16 जून शाम पांच बजे तक भेजना होगा। जो कैंडिडेट अधिक पदोें के लिए आवेदन करना चाहते हैं, वे अलग-अलग आवेदन कर सकते हैं।
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