26 साल से पुलिस थानों में कैद भगवान को महावीर मंदिर और आचार्य किशोर कुणाल की मदद से मिल पाई जमानत…….

पुलिस की कैद में अपराधियों के होने की बात तो आप सबों ने सुनी होगी, या अपनी आंखो से देखा होगा। पर क्या आप जानते हैं बिहार के एक थाने में ‘भगवान’ को भी कैद किया गया हैं। वह भी 26 वर्षों से यह मामला जुड़ा है बिहार के भोजपुर “कृष्णागढ़ थाने से जहां 26 वर्ष पहले हनुमान जी की अष्टधातु की मूर्ति चोरी हुई और बाद में उसे थाने के मालखाने में रख दिया गया।

इस मामले की जानकारी जब पटना के महावीर मंदिर को हुई तो महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने भोजपुर के एसपी से बात की और जमानत की पहल की।

1996 में भोजपुर जिले के बड़हरा प्रखंड के गुंडी गांव स्थित श्री रंगनाथ स्वामीजी मंदिर से श्रीरामानुज स्वामी जी और हनुमानजी की अष्टधातु की मूर्तियां चोरी हुई थीं। बाद में हनुमानजी की मूर्ति एक कुएं से बरामद हुई। पुलिस ने उसे कृष्णागढ़ थाने के मालखाने में रख दिया। तब से मूर्ति थाने में ही कैद है।

हालांकि करीब दस साल पहले भी आचार्य किशोर कुणाल की ओर से मूर्ति को कैद से छुड़ाने के लिए पहल की गई थी। उस समय उन्होंने हनुमान जी के जमानत का प्रयास किया था, लेकिन तब मंदिर प्रबंधन से जुड़े लोगों ने निजी मंदिर का हवाला दिया। इस कारण महावीर मंदिर की ओर से जमानत के प्रस्ताव को स्वीकार नहीं किया गया। बाद के वर्षों में भी तस्वीर नहीं बदली और हनुमान जी थाने की कैद में रहे।

अब फिर से महावीर मंदिर पटना ने हनुमान जी को कैद से मुक्त करने के लिए भोजपुर जिले के एसपी से बात की। लगभग 42 लाख रुपये की अष्टधातु की मूर्ति को छुड़ाने के लिए महावीर मंदिर न्यास के सचिव आचार्य किशोर कुणाल ने गुरुवार को भोजपुर के पुलिस अधीक्षक से बात कर जमानत की पेशकश की है। साथ ही भोजपुर एसपी से हनुमानजी की अष्टधातु की कीमती मूर्ति की सुरक्षा सुनिश्चित करने का भी आग्रह किया है।