मुख्यमंत्री की अध्यक्षता में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की हुई समीक्षा … जानिए इस बैठक में अधिकारियों को नीतीश कुमार ने क्या दिए निर्देश….

पटना, 21 सितम्बर 2022 मुख्यमंत्री नीतीश कुमार की अध्यक्षता में 1 अणे मार्ग स्थित ‘संकल्प’ में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग की समीक्षा हुई।

बैठक में पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी ने प्रस्तुतीकरण के माध्यम से विभाग की नीतियों एवं प्राथमिकताओं के संबंध में विस्तृत जानकारी दी। प्रधान मुख्य वन संरक्षक आशुतोष ने पौधारोपण कार्य, जल-जीवन-हरियाली अभियान, नगर वन योजना, पार्कों / उद्यानों का विकास एवं रखरखाव एवं ईको टूरिज्म के विकास के संबंध में विस्तृत जानकारी दी।

अपर प्रधान मुख्य वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ पी०के० गुप्ता
ने वन्य प्राणी आश्रयणियों में वन्य प्राणी संवर्द्धन, वन्य प्राणी क्षेत्र की उपलब्धियां आदि के संबंध में जानकारी दी।

प्रधान मुख्य वन संरक्षक जलवायु परिवर्तन एवं आई भूमि एन0 जवाहर बाबू ने जलवायु परिवर्तन एवं आर्द्र भूमि के क्षेत्र में किए जा रहे कार्य को लेकर जानकारी दी।

बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार घोष ने प्रदूषण नियंत्रण को लेकर किए जा रहे कार्यों के संबंध में जानकारी दी।

बैठक में जानकारी दी गई कि बिहार में किए जा रहे जलवायु अनुकूल कार्यों की प्रशंसा देश के बाहर भी हो रही है। बैठक में मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार में ईको टूरिज्म के विकास के लिए कई कार्य किए गए हैं। कई आकर्षक स्थलों को पर्यटक केंद्र के रूप में विकसित किया गया है। हमने कई जगहों का भ्रमण भी किया है। राजगीर और बाल्मिकीनगर पर्यटकों को काफी आकर्षित कर रहा है। पर्यटक स्थलों तक पहुंचने के लिए आवागमन को सुगम बनाया गया है और उनकी सुविधाओं का बेहतर इंतजाम किया गया है। मुख्यमंत्री ने अधिकारियों को निर्देश देते हुए कहा कि बिहार में जो पर्यटन स्थल विकसित किये गये है, उसके अतिरिक्त अन्य स्थलों का चयन करें और उसे पर्यटक स्थल के रूप में विकसित करने के लिए कार्य करें प्रकृति से सामंजस्य रखते हुए पर्यटन को बढ़ावा दें पर्यटक स्थलों तक की सड़कों के मेंटेनेंस का भी विशेष ध्यान रखें। ईको टूरिज्म के प्रबंधन एवं मेंटेनेंस को लेकर विभाग मुस्तैदी से काम करे ताकि पर्यटन के क्षेत्र में और विकास हो टूरिज्म के विकास से राज्य में आनेवाले पर्यटकों की संख्या तो बढ़ेगी ही स्थानीय लोगों की भी आमदनी बढ़ेगी।

मुख्यमंत्री ने कहा कि बिहार से झारखंड के अलग होने के बाद राज्य का हरित आवरण क्षेत्र 9 प्रतिशत रह गया था। वर्ष 2012 में हरियाली मिशन की शुरुआत की गई। 24 करोड़ पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया था, जिसमें 22 करोड़ पौधे लगाये गये बड़ी संख्या में पौधारोपण किये जाने से राज्य का हरित आवरण क्षेत्र बढ़कर अब 15 प्रतिशत तक पहुंच गया है। जल-जीवन-हरियाली अभियान की शुरुआत वर्ष 2019 में की गई। जल-जीवन- हरियाली अभियान के अन्तर्गत हरियाली को बढ़ाने एवं जल संरक्षण के लिये योजनाबद्ध ढंग से काम किया जा रहा है वृक्षारोपण गतिविधि के माध्यम से लोगों को शामिल कर सभी जिलों में अधिक से अधिक पौधारोपण का लक्ष्य रखा गया है। उन्होंने कहा कि सड़क के किनारे वृक्षारोपण किये जा रहे हैं राजगीर गया और अन्य पर्वतीय क्षेत्रों में पौधारोपण के लिए बीज डाला गया जिससे वृक्षों की संख्या बढ़ी है। राज्य का हरित आवरण क्षेत्र कम से कम 17 प्रतिशत तक हो जाए इसके लिए लक्ष्य के अनुरूप तेजी से और पौधारोपण कराएं। राज्य में जलवायु अनुकूल किये गये कार्यों की प्रशंसा देश के बाहर भी हो रही है कलाइमेट चेंज को लेकर संयुक्त राष्ट्र के उच्चस्तरीय राउंड टेबल कॉन्फ्रेंस में मुझे राज्य सरकार द्वारा चलाये जा रहे जल जीवन हरियाली अभियान के संबंध में संबोधित करने का मौका मिला था, जिसमें मैंने इसके संबंध में विस्तार से जानकारी दी थी।

बैठक में उप मुख्यमंत्री तेजस्वी प्रसाद यादव, वित्त मंत्री विजय कुमार चौधरी, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के मंत्री तेजप्रताप यादव, मुख्यमंत्री के प्रधान
सचिव दीपक कुमार, मुख्य सचिव आमिर सुबहानी, मुख्यमंत्री के प्रधान सचिव डॉ० एस० सिद्धार्थ, पर्यावरण, वन एवं जलवायु परिवर्तन विभाग के प्रधान सचिव अरविंद कुमार चौधरी, मुख्यमंत्री के सचिव अनुपम कुमार, मुख्यमंत्री के विशेष कार्यपदाधिकारी गोपाल सिंह, बिहार राज्य प्रदूषण नियंत्रण बोर्ड के अध्यक्ष डॉ० अशोक कुमार घोष, प्रधान मुख्य वन संरक्षक आशुतोष, प्रधान मुख्य वन संरक्षक जलवायु परिवर्तन एवं आई भूमि एन० जवाहर बाबू अपर
प्रधान मुख्य वन संरक्षक वाइल्ड लाइफ पी0के0 गुप्ता सहित अन्य अधिकारी उपस्थित थे।