अमर्यादित शब्दो का अर्थ समझाते हुए हरजोत कौर ने अपने कथन पर जताया खेद…..

सोशल मीडिया और समाचारों के कारण जब आईएएस अधिकारी हरजोत कौर का मामला प्रकाश में आया उसके बाद अब हरजोत कौर ने मीडिया के सामने अपना पक्ष रखा है। अपने ऊपर लगे आरोपों पर कहा कि मेरे द्वारा कहे गए शब्दों का दूसरा मतलब निकाल रही मीडिया, अगर मेरी वजह से किसी की भावना को ठेस पहुंचती है तो मैं माफी मांगती हूं।

उन्होंने कहा कि, 27 सितम्बर 2022 को Linicef, save the children तथा Plan International द्वारा रक्त बेटी समृद्ध बिहार नामक कार्यकर्म का आयोजन किया गया था। कार्यशाला का उद्घाटन विकास आयुक्त विवेक कुमार सिंह के द्वारा किया गया। बता दें कि इस कार्यक्रम में प्रेम सिंह मीणा, सचिव समाज कल्याण विभाग, हरजोत कौर बराह प्रबंध निदेशक, महिला एवं बाल विकास निगम, बिहार, यूनिसेफ के बिहार की प्रमुख थी। इस कार्यशाला में बिहार में बालिकाओं की वर्तमान स्थिति एवं बालिकाओं के लिए उपलब्ध अवसर उनके जीवन में आने वाली कठिनाईयों एवं उनका क्या समाधान हो सकता है, इस पर विस्तृत चर्चा की गई।



बिहार सरकार द्वारा बालिकाओं के लिए एवं महिला सशक्तिकरण के लिए विभिन्न विभागों के माध्यम से किये जा रहे कार्यों के बारे में भी सभी प्रतिभागियों को बताया गया। कन्या उत्थान योजना के तहत बालिकाओं के जन्म से लेकर उनके पोषण एवं उनकी प्रारंभिक शिक्षा तथा उच्च शिक्षा तक के लिए नराशि सरकार द्वारा दी जाती है। शिक्षा के क्षेत्र में बालिकाओं को आगे ने के लिए लगभग 14 वर्षों से साइकिल योजना प्रारंभ की गई ताकि दूरी के कारण पालिकाओं को विद्यालय जाने में कोई कठिनाई न हो। वर्ष 2016 से सेनेटरी पैड के लिए 300 रूपये की राशि भी उपलब्ध करायी जाती है कि माहवारी के वा प्रबंधन में बालिकाओं को सहायता मिल सके। महिला बाल विकास निगम द्वारा प्रबंधन एवं स्वच्छता कार्यक्रम के तहत उच्च एवं माध्यमिक विद्यालयों में सेनेटरी पैड वेडिंग मशीन एवं सेनेटरी पैड के निस्तारण के लिए भी मशीन दिये जाने का निर्णय लिया गया है जिसका क्रियान्वयन शीघ्र ही किया जा रहा है। विद्यालयों में बालिकाओं के लिये अलग शौचालय की व्यवस्था की गई है। किशोरियों / किशोरों के समग्र विकास एवं लैंगिक समानता हेतु ‘उड़ान’ परियोजना को भी सभी जिलों में चलाने एवं प्रत्येक पंचायत में एक

किशोरी समन्वय रहने की योजना स्वीकृति की प्रक्रिया में है। किशोरियों एवं महिलाओं के विरुद्ध होने वाली हिंसा को रोकने एवं सखी सेन्टर के बेहतर क्रियान्वयन हेतु राज्य के सभी जिलों में जिला संरक्षण पदाधिकारी के पद सृजन की प्रक्रिया भी जारी है माहवारी एवं स्वच्छता प्रबंधन में अच्छा कार्य करने वाली 34 महिला शिक्षको को भी 08 जुलाई 2022 को विकास आयुक्त, बिहार के द्वारा लैपटॉप देते हुए पुरस्कृत किया गया था।

इन सभी बिन्दुओं पर चर्चा के उपरान्त पैनल परिचर्चा प्रारंभ हुई, जिस जाम में प्रतिभागी बालिकाओं के द्वारा सरकार द्वारा दी जाने वाली सुविधाओं के बारे में कई जानकारियों मांगी गई। इस कार्यशाला का मुख्य उदेश्य बालिकाओं सतर्क करना था ताकि लड़कियां परिवार और समाज की निर्भरता से भी आगे बढ़कर स्वतंत्र रूप से अपना जीवनयापन का निर्णय ले सके। प्रतिभागियों द्वारा कई विद्यालयों में कमियों के बारे में बताया गया, जिसके संबंध में अलग से शिक्षा विभाग कार्रवाई कर रही है। इसी परिचर्चा के क्रम में मेरे द्वारा कहे गए कुछ शब्दों एवं वाक्यांशों को आपत्तिजनक मानते हुए कई समाचारों में प्रकाशित किया गया है। इस पूरे कार्यशाला का उद्देश्य उनको निर्भरता की बेड़ी को तोड़कर स्वतंत्र रूप से जीने के लिए प्रोत्साहित करना था और उनमें आत्मविश्वास जगाना था दिनांक 27.09.2022 को सशक्त बेटी, समृद्ध बिहार विषय पर आयोजित कार्यशाला में मेंरे द्वारा कही गई बातों को यदि पूर्ण रूप से सुना जाए तो यह स्पष्ट होगा कि मैं बेटियों को आत्म निर्भरता की ओर प्रेरित करना चाह रही थी।

पितृसतात्मक समाज द्वारा लड़कियो को दूसरे पर जीवन भर अपने जरूरतों के लिए आश्रित रहना सिखाया जाता है। साथ ही लड़का-लड़की की परवरिश में भेदभाव कर लड़की को अपने को अबला, निस्सहाय मानना भी सीखा दिया जाता है। घर के बाहर की दुनिया में वह सुरक्षित नहीं है। यह बात भी दिमाग में डाल दी जाती है, जिस कारण कई बार यह स्वयं ही इन मानसिक जंजीरों में जकड़ कर अपने विकास के रास्ते को सुविधा होते हुए भी नहीं चुनती हैं।

इस क्रम में कही गई कुछ शब्दों के कारण अगर किसी बालिका या प्रतिभागी की भावनाओं को ठेस पहुँची है तो इसके लिए मैं हरजोत कौर बमराह, अध्यक्ष-सह-प्रबंधक निदेशक खेद व्यक्त करती हूँ। इसका उद्देश्य किसी को नीचा दिखाने या किसी की भावनाओं को ठेस पहुँचाने का नहीं था बल्कि उन्हें आगे बढ़ाने के लिए प्रोत्साहित करना था।

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