आकाश आनंद ने योगी सरकार पर किया तीखा हमला, जानिए आलापुर के विधायक ने क्या आरोप लगाया….

बीएसपी सुप्रीमो मायावती के भतीजे और पार्टी के नेशनल कोआर्डिनेटर आकाश आनंद ने यूपी के अंबेडकरनगर में बाबा साहेब भीमराव अम्‍बेडकर के फोटो के अपमान का विरोध कर रही महिलाओं पर बल प्रयोग को लेकर योगी आदित्‍यनाथ सरकार पर तीखा हमला बोला है। एक ट्वीट में उन्‍होंने यहां तक लिख दिया कि शर्म से सिर झुकता है और गुस्से से आंखें लाल हो जाती हैं।

एक के बाद एक दो ट्वीट करते हुए आकाश आनंद ने सीधे सीएम योगी आदित्‍यनाथ को सम्‍बोधित किया और महिलाओं पर डंडे बरसाने वाले पुलिस कर्मियों के खिलाफ कड़ी कार्रवाई की मांग की। आकाश आनंद ने लिखा- ‘शर्म से सिर झुकता है और गुस्से से आंखें लाल हो जाती हैं। योगी जी क्या आपने इसी सुशासन के सपने दिखाए थे? अरे अगर इन तस्वीरों को देख कर जरा सी भी शर्म आए तो इन बर्बर पुलिस वालों को ऐसी सजा दिजिए जो अपने आप में एक नज़ीर बन जाए। उन्‍होंने अपने दूसरे ट्वीट में लिखा- ‘बाबा साहेब ने कहा था कि, वे एक समाज की प्रगति उसके महिलाओं की प्रगति के आधार पर मापते हैं। और आज यूपी की हालत इतनी बदतर हो गई है कि बाबासाहेब की मूर्ति के अपमान का विरोध कर रही हमारी माताओं और बहनों को इस बर्बरता से पीटा गया।’

कल ये हुआ था… 

ये मामला यूपी के अंबेडकरनगर जिले के जलालपुर कोतवाली क्षेत्र के वाजिदपुर मोहल्ले का है। वहां डॉ. भीमराव अम्बेडकर के फोटो पर कालिख पोतने का विवाद दूसरे दिन रविवार को बवाल में तब्दील हो गया। प्रशासन और आक्रोशित भीड़ के बीच सिर्फ झड़प ही नहीं हुई बल्कि आक्रोशित लोगों ने जमकर पत्थरबाजी की और भीड़ को तितर-बितर करने के लिए पुलिस को लाठियां भी भांजनी पड़ी। घटनास्थल के करीब जमालपुर चौराहे पर तहसीलदार के वाहन को आक्रोशित लोगों ने अपना शिकार बनाया और वाहन पर पत्थरबाजी की, जिससे वाहन चालक को चोट भी आई। उपद्रवियों को तितर बितर करने के लिए कोतवाली पुलिस ने बल का प्रयोग करते हुए लाठियां फटकारीं।

कई थानों की फोर्स है तैनात…
मौके पर कई थानों की फोर्स तैनात कर दी गयी है। रविवार को उस समय स्थिति बेकाबू हुई जब डॉ. अम्बेडकर के चित्र के समीप की जमीन पर समझौते के बाद नगर पालिका की टीम भूमि को सुरक्षित करने के लिए साफ-सफाई कर रही थी। इसी दौरान भीम आर्मी और मोहल्ले की महिलाएं टीम पर हमलावर हो गयीं जिन्होंने शनिवार को मार्ग जाम व प्रदर्शन किया था। आक्रोशित महिलाओं ने महिला पुलिस पर भी हमला बोल दिया और स्थिति बिगड़ती चली गई, जिसने बवाल का रूप ले लिया। शनिवार को डॉ. अम्बेडकर के चित्र पर कालिख फेंकने के बाद एक पक्ष के राजू, रवि, रामू के नेतृत्व में सैकड़ों महिलाओं ने मार्ग जाम करके प्रदर्शन शुरू किया था और बगल में हो रहे निर्माण को अवैध बताते हुए निर्माण को ढहा दिया था।
चार महिलाओं को शांतिभंग में जेल भेजा….
मामले में कोतवाली पुलिस ने मुकदमा भी दर्ज कर लिया था। कोतवाल संतकुमार सिंह ने बताया कि स्थिति नियंत्रण में है। मामले में कृष्णा राव, मालती व प्रमिला समेत चार महिलाओं को शांति भंग में जेल भेज दिया गया है। वीडियो के आधार पर आरोपियों को चिह्नित कर रही पुलिस उपजिलाधिकारी के नेतृत्व में जलालपुर पुलिस के साथ महिला थाना प्रभारी वंदना, कटका थानाध्यक्ष अभय मौर्य और मालीपुर उपनिरीक्षक बृजेश सिंह ने भारी पुलिस बल के साथ पैदल मार्च कर कड़ा संदेश दिया। उपजिलाधिकारी हरिशंकर लाल ने बताया कि इस घटना में शामिल सभी आरोपियों के विरुद्ध मुकदमा दर्ज करने का आदेश दिया गया है। कानून हाथ में लेने का किसी को अधिकार नहीं है। कोतवाल संतकुमार सिंह ने बताया कि वीडियो के आधार पर आरोपियों को चिह्नित किया जा रहा है। नगरपालिका चुनाव की वजह से इसको कुछ लोग तूल दे रहे हैं।

एसपी बोले-लाठीचार्ज नहीं हल्‍का बल प्रयोग हुआ…

अम्‍बेडकरनगर के एसपी अजीत कुमार सिन्‍हा ने कहा है कि मामले में एफआईआर दर्ज करके विधिक कार्रवाई की जा रही है। लाठीचार्ज की बात से इंकार करते हुए उन्‍होंने कहा कि भीड़ को नियंत्रित करने के लिए पुलिस ने हल्का बल प्रयोग किया।

आलापुर विधायक ने लगाया दौड़ा-दौड़ा कर पीटने का आरोप 

पूर्व सांसद और आलापुर विधायक त्रिभुवन दत्त ने जलालपुर कस्बे के वाजिदपुर की घटना पर रोष प्रकट करते हुए पुलिस की कार्यशैली पर सवाल उठाया है। उन्होंने कहा कि संविधान निर्माता बाबा भीमराव अंबेडकर की प्रतिमा के सम्मान के लिए लोगों ने जब आवाज उठाई तो पुलिस प्रशासन ने निर्दोष दलितों खासकर महिलाओं को दौड़ा-दौड़ाकर बेरहमी से लाठियों से पीटा। निर्दयता पूर्वक की गई पिटाई मानवता को शर्मसार करने वाली घटना है। निरंकुश पुलिस वालों ने निहत्थी महिलाओं की बर्बरता से पिटाई की। उन्होंने कहा कि घटना की जितनी भी निंदा की जाए वह कम है। उन्होंने मांग की कि घटना के दोषी पुलिसवालों के खिलाफ सख्त से सख्त कार्रवाई की जाए अन्यथा समाजवादी पार्टी बड़ा आंदोलन शुरू करने के लिए विवश होगी।