प्रशासन ने पटना के 17 घाटो को खतरनाक घोषित किया, ये हैं खतरनाक घाटजा……

आस्था का महापर्व छठकल से शुरू हो रहा है। इस बीच गंगा नदी के कई छठ पूजा घाट अभी तक तैयार नहीं हैं। बुधवार को भी सीएम नीतीश कुमार खुद निकले और छठ घाटों पर बेहतर इंतजाम का निर्देश जिला प्रशासन को दिया। राज्य के सभी जिलों के डीएम ने बुधवार को छठ घाटों का जायजा लिया। इस बीच गंगा नदी के किनारे 17 घाटों को खतरनाक घोषित कर दिया गया है। जिस तेजी से गंगा का जलस्तर घट रहा है, उससे खतरनाक घाटों की संख्या बढ़ने की आशंका है। इन घाटों पर दलदल बना हुआ है जिसमें खतरा हो सकता है।

जानिए कौन -कौन  खतरनाक घाट…….

नारियल घाट, जेपी सेतु पूर्वी घाट, बांस घाट, कलेक्ट्रेट घाट, महेंद्रूघाट, टीएन बनर्जी घाट, अंटा घाट, अदालत घाट, मिश्री घाट, टेढ़ी घाट, गड़ेरिया घाट, नुरूद्दीनगंज घाट, बरहरवा घाट, महाराज घाट, कंटाही घाट, गुरु गोविंद सिंह कॉलेज घाट और किला घाट।

21 टीम है निगरानी मे…….

राजधानी पटना में गंगा घाटों की स्थिति का जायजा लेने के लिए डीएम डॉ. चंद्रशेखर सिंह ने 21 अलग-अलग टीमें तैनात की थी। उनकी रिपोर्ट के आधार पर इन घाटों को खतरनाक घोषित किया गया है। प्रशासन और नगर निगम की ओर से पहले प्रयास किया गया कि इन घाटों पर जाने के लिए संपर्क पथ बना दिया जाए। घाटों पर जलस्तर कम हो या खड़ा घाट नहीं हो लेकिन स्थिति नहीं बन पाई। इसीलिए इन घाटों को खतरनाक की श्रेणी में रखा गया है। प्रशासन ने लोगों से अपील की है कि खतरनाक घाटों की ओर नहीं जाएं।

मजिस्ट्रेट और पुलिस बल की तैनाती की गई है …….

जिन घाटों को खतरनाक की श्रेणी में शामिल किया गया है, वहां मजिस्ट्रेट और पुलिस अधिकारियों की तैनाती कर दी गई है। माइक से घोषणा की जा रही है कि घाट की ओर नहीं जाएं। छठ आयोजन के पहले इससे संबंधित बोर्ड भी लगा दिए जाएंगे। वर्तमान समय में इन घाटों पर लाल कपड़ा लगा दिया गया है। अधिकारियों का कहना है कि कुछ और घाटों को खतरनाक की श्रेणी में शामिल किया जा सकता है। ऐसे घाटों पर संपर्क पथ एवं घाटों की स्थिति को देखा जा रहा है।

पाटी पुल घाट की नये सिरे से करनी होगी बैरिकेडिंग……….

पाटीपुल घाट और शिवाघाट आपस में सटे हैं लेकिन दोनों घाटों के बीच में लगभग 20 से 30 मीटर का पानी का क्षेत्र बिना बैरिकेडिंग का है। पाटीपुल पर अब भी बालू की बोरियों की सीढ़ियां नहीं बनाई गई हैं। पाटीपुल घाट के रास्ते में एक-दो जगह गीली मिट्टी का क्षेत्र होने से आने-जाने का रास्ता बराबर नहीं है। हालांकि अंडरपास की सफाई की जा रही है।

शिवा घाट पर चेंजिंग रूम तैयार किया जा रहा है। अनुमानित वाहनों की संख्या के अनुसार पर्याप्त जगह पार्किंग में नहीं दिख रही है। छठ पूजा समिति के संयोजक संजय कुमार सिन्हा ने बताया कि प्रशासनिक तैयारियों में इस बार ढील दिख रही है। पाटीपुल घाट पर लाखों की संख्या में छठव्रती आते हैं।