छः नवम्बर को नशामुक्त बिहार के लिए दौड़ेंगे बिहार के लोग, नशा से लगातार हो रही मौत का कौन जिम्मेदार…..

बिहार में शराबबंदी कानून आने के बाद राज्य में शराब की सीधी बिक्री पर रोक लगने के बाद बिहार में नशा के कई स्त्रोत उभर कर सामने आए। राज्य के हर जिलों में अब शराब को जगह नए मादक पदार्थों ने ली ली।

राजधानी में खुला बिक रहा नशा……

आज बिहार की स्थिति यह है कि बिहार के हर जिलों में लगभग अब मादक पदार्थ गांजा आपको आसानी से मिल जायेगा। जिले तो जिले यहां राजधानी में प्रशासन के नाकों के पास ही गांजे की खरीद बिक्री होती है पर प्रशासन इससे अनजान बनी रहती है। बुधमूर्ति की पुलिस को इस समस्या के बारे में शायद ना पता हो। पर कोई बात नही अगर आपको राजधानी में गांजा की जरूरत हो तो आपको आसानी से पता चल जायेगा बस आपको बुधमूर्ति जाना होगा और वहां ज्ञान गंगा के पास किसी ठेले वालों से पूछ लेना होगा।

मूक दर्शक बन तमाशा देख रहे लोग….

अपराधियों का मनोबल तब बढ़ता है जब अपराध होता देख समाज के जिम्मेदार लोग चुप बैठ जाते हैं। वह यह सोचते हैं कि इससे हमे क्या परेशानी है? हम क्यों गलत का विरोध करें? छोड़ो, जो हो रहा है होने दो? पर क्या आपको पता है 10 से 25 साल के बच्चे आज ड्रग्स ले रहे हैं और इसके साथ ही गांजा, चरस, भांग जैसे विषैले मादक पदार्थों का नासमझी और हमारी गैर जिम्मेदाराना रवैए के कारण चयन कर रहे हैं। जो ना ही हमारे आने वाले भविष्य के लिए ही अच्छा है और ना ही हमारे देश के विकास के लिए।

राज्य में नशा को लेकर हाईकोर्ट ने स्वीकारी थी कई बात….

शराबबंदी के एक केस में सुनवाई करते हुए पटना हाईकोर्ट ने कहा था कि राज्य सरकार पूरे बिहार में ड्रग्स की तस्करी रोकने में नाकाम रही है जिसकी वजह से आज बिहार का यह हाल हुआ है।

शराबबंदी के एक केस में सुनवाई करते हुए हाईकोर्ट के जज जस्टिस पुर्णेंदु सिंह ने कहा आगे कहा था कि “डेटा कहता है कि 2015 से पहले ड्रग्स के केस ना के बराबर थे। लेकिन 2015 के बाद ये बहुत ज्यादा बढ़ गया है। इसमें ज्यादा चिंता की बात ये है कि नशे के ज्यादातर आदी 10 साल से 25 साल की उम्र के हैं। आंकड़े बताते हैं कि शराबबंदी के बाद गांजा, चरस, भांग की खपत बढ़ गई है। सरकार पूरे बिहार में ड्रग्स की तस्करी रोकने में नाकाम रही है।”

नशमुक्ति पर लोगो को जागरूक करने हेतु किया जा रहा नशमुक्त बिहार दौड़ का आयोजन….

जिला पदाधिकारी, पटना डॉ. चन्द्रशेखर सिंह ने 06 नवम्बर, 2022 को आयोजित होने वाले ‘‘नशामुक्त बिहार दौड़’’ के सफल आयोजन हेतु सभी तैयारी ससमय करने का निदेश दिया है।


इस आयोजन का आप भी बन सकते हैं हिस्सा….

पटना जिला में आयोजित होने वाले इस कार्यक्रम में पटना जिला के निवासी भाग ले सकते हैं। इस मैराथन दौड़ का आयोजन दो श्रेणियों में बालक एवं बालिका दोनों वर्गों का एक साथ किया जाएगा।

दो दौड़ का किया जाना है आयोजन….

प्रथम श्रेणी 16 वर्ष से कम के बालक एवं बालिका दोनों आयुवर्गों के बच्चे 05 कि.मी. तक तथा द्वितीय श्रेणी 16 वर्ष से अधिक आयुवर्ग के महिला एवं पुरूष 10 कि.मी. तक दौड़ आयोजित की जाएगी। प्रतिभागियों को अपने विद्यालय का मूल परिचय पत्र ( जिसमें जन्म तिथि एवं वर्ग तथा विद्यालय प्रधान का हस्ताक्षर या मुहर हो) दौड़ के समय साथ लाना अनिवार्य होगा। यह दौड़ 06.00 बजे पूर्वाह्न में प्रारंभ की जाएगी एवं बालक तथा बालिका वर्ग में अलग-अलग कोटि अनुसार आयोजित की जाएगी। गाँधी मैदान, पटना के गेट नंबर 1 से मरीन ड्राइव से गाँधी मैदान गेट नम्बर 1के रूट में इसका आयोजन होगा।

इस आयोजन में भाग लेने का अंतिम तिथि है 4 नवंबर…

इच्छुक प्रतिभागियों द्वारा ऑनलाईन एवं ऑफलाईन दोनों मोड में निबंधन किया जा सकता है। ई-मेल आईडी [email protected] पर ऑनलाईन मोड में तथा पाटलिपुत्र खेल परिसर, कंकड़बाग स्थित जिला खेल पदाधिकारी, पटना के कार्यालय में ऑफलाईन मोड में निबंधन किया जा सकता है। निबंधन की अंतिम तिथि 4 नवम्बर, 2022 है। प्रतिभागियों को इस आशय का स्व-घोषणा पत्र समर्पित करना होगा कि वे ‘‘नशामुक्त बिहार दौड़’’ में स्वेच्छा से भाग ले रहे हैं, उन्हें किसी भी प्रकार की बीमारी नहीं है तथा वे पूर्णतः स्वस्थ हैं।

1 से 10 के तक के प्रतिभागियों को बिहार सरकार देगी उपहार के तौर पर नकद राशि…..


जिले में दोनों श्रेणियों में प्रथम स्थान से लेकर दसवें स्थान तक आने वाले प्रतिभागी को पुरस्कार स्वरूप नगद राशि दी जाएगी। प्रथम स्थान पाने वाले को 5,000/- रुपये, द्वितीय को 3,000/- तथा तृतीय स्थान पाने वाले को 2,000/- एवं इसके बाद दसवें स्थान तक आने वाले सभी प्रतिभागियों को 1,000/- रुपये नगद इनाम दी जाएगी। साथ ही प्रथम, द्वितीय एवं तृतीय स्थान आने वाले प्रतिभागी को ट्रैकशूट भी दिया जाएगा।


आम जनता को नशामुक्ति के बारे में जागरूक करने के उद्देश्य से इस दौड़ का आयोजन किया जाएगा। उन्होंने इस आयोजन से जुड़े हर अधिकारियों को यह निर्देश दिया कि ‘‘नशामुक्त बिहार दौड़’’ के सफल आयोजन हेतु सभी पदाधिकारी तत्पर एवं प्रतिबद्ध रहेंगे। समाज के इस गंभीर समस्या के प्रति अधिक से अधिक लोगो को जागरूक करने का प्रयास करेंगे।

पटना जिलाधिकारी।