2020 तक रैपिड टेस्ट किट बनाने में सक्षम हो जाएगा भारत, प्रतिदिन हो सकेंगे 1 लाख टेस्ट-डॉ. हर्षवर्धन

  • कोविड का समाधान जल्द ढ़ूंढ़ें वैज्ञानिक : डॉ. हर्षवर्धन
  • रैपिड टेस्ट किट बनाने में 2020 तक आत्मनिर्भर हो जाएगा भारत
  • फ्लू के इलाज में यूजफूल टीके पर काम चल रहा

केंद्रीय विज्ञान और प्रौद्योगिकी, स्वास्थ्य और परिवार कल्याण तथा पृथ्वी विज्ञान मंत्री डॉ. हर्षवर्धन ने आज यहां वीडियो कांफ्रेंसिंग के माध्यम से जैव प्रौद्योगिकी विभाग (डीबीटी) और उसके स्वायत्त संस्थानों (एआई और उसके सार्वजनिक क्षेत्र के उपक्रमों) बीआईआरएसी तथा बीआईबीसीओएल द्वारा कोविड संकट से निपटने के लिए विशेष रूप से वैक्सीन, तथा स्वेदशी रैपिड टेस्ट और आरटी -पीसीआर नैदानिक ​​किट विकसित करने की दिशा में की गई विभिन्न पहलों की समीक्षा की।

डीबीटी की सचिव डॉ. रेणु स्वरूप ने बताया कि डीबीटी ने कोविड से निपटने के लिए तत्काल समाधान के साथ-साथदीर्घकालिक तैयारियों के लिए एक मल्टी डायमेंशनल अनुसंधान रणनीति और कार्य योजना तैयार की है। इस बहुपक्षीय प्रयासों में कोविड के लिए फ्लू जैसा टीका विकसित करने के साथ ही होस्ट और पैथोजन पर स्वदेशी डायग्नोस्टिक्स जीनोमिक अध्ययन शामिल है।

जैव प्रौद्योगिकी उद्योग अनुसंधान सहायता परिषद (बीआईआरएसी) ने डायग्नोस्टिक्स, टीके, नोवेल थैरेप्यूटिक्स, तथा दवाओं को अन्य तरह से इस्तेमाल या किसी और तरह के उपाय अपनाए जाने के लिए एक कोविड अनुसंधान कंसोर्टियम बनाए जाने की बात कही है।

वैज्ञानिकों के प्रयासों की सराहना की

डॉ. हर्षवर्धन ने वैज्ञानिकों द्वारा कोविड-19 के शमन के लिए किए जा रहे अभिनव प्रयासों के लिए उनकी सराहना की। उन्होंने कहा “डीबीटी वैज्ञानिकों के ईमानदार प्रयासों से देश अगले महीने के अंत तक आरटी-पीसीएस और एंटीबॉडी परीक्षण किट के उत्पादन में आत्मनिर्भर हो जाएगा। इससे अगले महीने के अंत तक प्रति दिन एक लाख परीक्षण करने के लक्ष्य को पूरा करना संभव होगा। उन्होंने कहा, “कमसे कम से छह तरह के टीकों पर काम चल रहा है जिनमें से चार पर शोध अंतिम चरण में है इन्हें जल्दी इस्तेमाल की मंजूरी दिलाने के लिए एक नियामक मंच का अलग से गठन किया गया है।’’

स्टार्ट अप्स की मदद की सराहना की

डॉ. हर्षवर्धन ने 150 स्टार्ट अप्स को दी जा रही मदद के लिए बीआईआरएसी के प्रयासों की सराहना की। उन्होंने इस मौके पर बीआईबीसीओएल के एक सार्वजनिक उपक्रम द्वारा बनाया गया हैंड सैनिटाइजर भी जारी किया डॉ. हर्षवर्धन ने कहा, “इस सैनिटाइज़र की प्रत्येक बोतल की बिक्री से मिलने वाली रकम में से एक रुपया पीएम केयर्स कोष में जाएगा“।