अब भारत में लगेगा 5-12 साल के बच्चो को कोरोना का टीका, कॉर्बेवैक्स को ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया द्वारा मिली मंजूरी।

ड्रग कंट्रोलर जनरल ऑफ इंडिया की विषय विशेषज्ञ समिति ने 5-11 वर्ष की आयु के बच्चों के लिए बायोलॉजिटकल ई के कॉर्बेवैक्स कोविड वैक्सीन के प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग की सिफारिश की है। सूत्रों ने गुरुवार को इस बात कि जानकारी दी। एसईसी की सिफारिशों के बाद अब डीसीजीआई प्रतिबंधित आपातकालीन उपयोग को मंजूरी देगी। ज्ञात हो कि हैदराबाद स्थित फर्म बायोलॉजिकल-ई की ओर से विकसित, कॉर्बेवैक्स कोविड-19 के खिलाफ भारत का पहला स्वदेशी रूप से विकसित आरबीडी प्रोटीन सब-यूनिट वैक्सीन है।

बच्चे अतिसंवेदनशील आबादी हैं क्योंकि वे उस ग्रुप से हैं जिन्हें कोविड वैक्सीन की कोई खुराक नहीं मिली है। हम देख रहे हैं कि इन दिनों बच्चों को कोरोना बीमारी होने का पता चल रहा है। डा सक्सेना ने कहा कि बच्चों को स्कूल की दिनचर्या में वापस आने की जरूरत है, इसलिए हमें उन्हें भी कोरोना बीमारी से बचाने की जरूरत है।

उन्‍होंने कहा कि यह टीका एक पुनः संयोजक प्रोटीन सबयूनिट वैक्सीन है। वायरस की स्पाइक प्रोटीन सामग्री को क्लोन किया जाता है और वैक्सीन बनाने के लिए लैब में तैयार किया जाता है। जब इंजेक्शन लगाया जाता है तो यह प्रतिरक्षा प्रणाली को तैयार करने के लिए उत्तेजित करता है और इस प्रकार संक्रमण होने पर प्रभावी ढंग से प्रतिक्रिया करता है। .


डा सक्सेना ने कहा कि कॉर्बेवैक्स वैक्सीन में उच्च स्तर की प्रभावशीलता पाई गई है क्योंकि यह एक ऐसी प्रक्रिया का उपयोग करती है जिसे पहले ही आजमाया जा चुका है और बच्चों को दिए गए दूसरे टीके के साथ परीक्षण किया जा चुका है। कॉर्बेवैक्स वर्तमान में 12-14 आयु वर्ग के बच्चों को दिया जा रहा है।

भारत में नाबालिगों के लिए कोविड टीकाकरण 3 जनवरी से भारत बायोटेक के कोवैक्सिन के लिए 15-18 आयु वर्ग के लोगों के साथ शुरू किया गया था। कॉर्बेवैक्स के लिए 12 वर्ष से अधिक उम्र के बच्चों को शामिल करने के लिए बाद में 16 मार्च को इस अभियान का विस्तार किया गया। कुल मिलाकर भारत वर्तमान में 12 से ऊपर के बच्चों के लिए दो कोविड टीके लगा रहा है।