राष्ट्रीय राजधानी दिल्ली में बुधवार को कोरोना संक्रमण के 1,009 नये मामले सामने आए, जो एक दिन पहले की तुलना में 60 प्रतिशत अधिक हैं। वहीं यहां संक्रमण से अब तक दिल्ली में एक व्यक्ति की मौत भी हुई है। इस बीच अभिभावक परेशान हैं क्योंकि स्कूल खुले हैं और वहां संक्रमण बढ़ने का खतरा है। इस बीच, दिल्ली सरकार ने सार्वजनिक स्थान पर मास्क पहनना एक बार फिर अनिवार्य कर दिया है और इसका उल्लंघन करने पर 500 रुपये के जुर्माने की बात कही है।
दिल्ली में कोरोना के मामले में आया इजाफा।
दिल्ली में बुधवार को आया आंकड़ा 10 फरवरी के बाद से दिल्ली में दर्ज किए गए मामलों की अधिकतम संख्या है। दिल्ली में 10 फरवरी को कोरोना संक्रमण के 1,104 मामले सामने आए थे। स्वास्थ्य बुलेटिन में कहा गया है कि एक दिन पहले कुल 17,701 नमूनों की कोविड-19 संबंधी जांच हुई थी, जिनमें से 5.7 प्रतिशत में संक्रमण की पुष्टि हुई। इससे पहले दिल्ली में मंगलवार को कोविड के 632 मामलों के साथ संक्रमण दर 4.42 प्रतिशत दर्ज की गई थी। इससे एक दिन पहले 501 मामले आए और संक्रमण दर 7.72 प्रतिशत रही।
बंद होंगे स्कूल ?
मामलों में वृद्धि को देखते हुए दिल्ली सरकार ने बुधवार को सार्वजनिक स्थानों पर मास्क पहनना अनिवार्य कर दिया और इसका उल्लंघन करने वालों पर 500 रुपये का जुर्माना लगाने की घोषणा की। आपको बता दें कि दिल्ली सरकार ने मामलों में कमी के मद्देनजर 12 अप्रैल को मास्क नहीं पहनने पर जुर्माना हटा लिया था। अधिकारियों ने कहा कि दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) ने भी स्कूलों को बंद नहीं करने का फैसला किया है और वह विशेषज्ञों के परामर्श से एक अलग मानक संचालन प्रक्रिया (एसओपी) के साथ आएगा।
सरकार सतर्क
इधर दिल्ली ने राजधानी में सभी संक्रमितों के नमूनों का जीनोम अनुक्रमण भी शुरू कर दिया है ताकि यह पता लगाया जा सके कि क्या किसी नये वैरिएंट जैसे कि एक्सई स्वरूप का संक्रमण तो दिल्ली में नहीं फैल गया है। राष्ट्रीय राजधानी में कोरोना वायरस संक्रमण के मामले बढ़ने के बीच सरकार ने इससे निपटने की तैयारियां तेज कर दी हैं और अस्पतालों के बिस्तर,चिकित्सकीय ऑक्सीजन तथा दवाइयों की व्यवस्था पर ध्यान दिया जा रहा है।
क्या है तैयारी
अधिकारियों ने बुधवार को दिल्ली आपदा प्रबंधन प्राधिकरण (डीडीएमए) की एक बैठक के दौरान कहा कि सरकार ने अस्पतालों में पर्याप्त संख्या में बिस्तर, चिकित्सकीय ऑक्सीजन और दवाओं की व्यवस्था की हैं, हालांकि अस्पताल में भर्ती होने वाले मरीजों की संख्या बेहद कम है। आंकडों के मुताबिक अस्पतालों में कुल 9,737 बिस्तर में से केवल 80 बिस्तर भरे हुए हैं,जो करीब 0.82 प्रतिशत है। वहीं ऑक्सीजन की सुविधा वाले बिस्तर 0.64 प्रतिशत, आईसीयू में 0.91 प्रतिशत और 1.03 प्रतिशत वेंटिलेटर वाले बिस्तर भरे हुए हैं। चिकित्सकीय ऑक्सीजन संबंधी ढांचे को भी मजबूत किया गया है। 19 अप्रैल तक चिकित्सकीय ऑक्सीजन की उपलब्धता 991 मीट्रिक टन से अधिक है, जबकि पिछले वर्ष 31 मई तक यह मात्रा 730मीट्रिक टन थी।
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