नागरिकता कानून पर दायर याचिका पर सुप्रीम कोर्ट ने तत्काल रोक लगाने से इनकार कर दिया. सुप्रीम कोर्ट ने सीएए के विरोध में दायर 144 याचिकाओं पर सुनवाई करते हुए केंद्र सरकार को जवाब देने के लिए 4 हफ्ते का समय दिया है. अब सुप्रीम कोर्ट के फैसले के बाद राजनीतिक प्रतिक्रियाएं भी आने लगी है. कोर्ट के आदेश को सभी पार्टियां अपने अपने नजरियां से परिभाषित कर रही है.
‘सभी राज्यों को लागू करना संवैधानिक वाध्यता’
सीएए पर संसद के दोनों सदनों में समर्थन करने के बाद जदयू नेता केसी त्यागी का कहना है कि राष्ट्रपति के आदेश के बाद हर राज्य को इस कानून को लागू करना ही होगा. उन्होंने कहा कि यह संवैधानिक वाध्यता है कि राष्ट्रपति के द्वारा जारी आदेश के बाद हर राज्य को इसे लागू करना ही होगा, लेकिन हमारा मानना है कि जो इससे सहमत नहीं हैं उनसे बात करनी चाहिए. केसी त्यागी बोले कि बिहार विधानसभा में नागरिकता कानून के खिलाफ कोई प्रस्ताव नहीं आएगा.
केरल, पंजाब विधानसभा में सीएए के खिलाफ प्रस्ताव पारित
जेडीयू ने जाति आधारित जनगणना की मांग की
नागरिकता कानून के विरोध में पश्चित बंगाल की मुख्यमंत्री ममता बनर्जी काफी अक्रामक रूख अख्यितार की है, पिछले कई दिनों से इस कानून के विरोध में बंगाल में कई रैलियां कर चुकी है. वहीं केरल, पंजाब की विधानसभा में इस कानून के खिलाफ प्रस्ताव पारित किया जा चुका है. इसके अलावा केसी त्यागी ने कहा कि उनकी पार्टी एनपीआर का विरोध भी नहीं करेगी, लेकिन हम जाति के आधार पर जनगणना की मांग करते हैं.
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