बिहार विधानसभा चुनाव की तारीखों के एलान के बाद एनडीए और महागठबंधन में सीटों को लेकर टकराव जारी है. एनडीए में जहां लोजपा बगावती तेवर अपनाए हुए है वहीं महागठबंधन में भी सीटों को लेकर बवाल मचा हुआ है. पहले मांझी फिर कुशवाहा और अब कांग्रेस आरजेडी को आंख दिखा रही है कि वे महागठबंधन से अलग हो जायेंगे. कांग्रेस नेताओं ने रविवार को कहा था कि विधानसभा में 65 से कम सीट मंजूर नहीं है. इसके बाद आरजेडी ने भी कांग्रेस के ऊपर पलटवार किया है. आरजेडी ने सीधे तौर पर कांग्रेस को चेतावनी दी है कि 58 सीटों पर कांग्रेस चुनाव लड़े या महागठबंधन से बाहर हो जाये.
58 से अधिक सीटें नहीं दी जा सकती
महागठबंधन से माझी के हटने के बाद भी राजद सीट को लेकर समझौता करने के मुड में नहीं दिख रही है. तभी तो उपेंद्र कुशवाहा भी बगावत कर रखा है. इसके बावजूद भी राजद झुकने को तैयार नहीं है. राजद ने कांग्रेस को अल्टीमेटम दे दिया है कि उन्हें 58 से अधिक सीटें नहीं दी जा सकती है। अगर उन्हें 58 सीट मंजूर नहीं है तो अपना रास्ता तलाशें। राजद के प्रवक्ता मृत्युंजय तिवारी ने स्पष्ट कर दिया है कि, कांग्रेस को विधानसभा की 58 सीटों पर चुनाव लड़ना है तो लड़े. अगर इतना मंजूर है तो ठीक, वरना अपना दूसरा रास्ता तलाशें।
वाल्मीकिनगर लोस सीट कांग्रेस को दिया जायेगा.
राजद ने साफ कर दिया कि वह 58 सीट विधानसभा की देगी. साथ ही साथ एक लोकसभा की सीट वाल्मीकिनगर का भी कांग्रेस को दिया जायेगा. अगर कांग्रेस पार्टी गठबंधन में इन सीटों के साथ चुनाव लड़ेगी तो कांग्रेस को आगे फायदा होगा.
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