सुप्रीम कोर्ट ने गुजरात दंगे के 17 दोषियों को दी राहत, जमानत के दौरान सामाजिक धार्मिक काम करेंगे सभी

देश के सर्वोच्य अदालत ने 2002 गुजरात दंगा मामले में सरदारपुरा और औध दंगे के 17 दोषियों को सशर्त जमानत दी. सुप्रीम कोर्ट ने दोषियों को दो अलग-अलग बैच में रखा है. एक बैच को इंदौर और एक बैच को जबलपुर भेजा गया है. सुप्रीम कोर्ट ने सभी दोषियों को जमानत पर रहने के दौरान सामाजिक और धार्मिक काम करने का आदेश दिया.

सप्ताह में 6 घंटे सामाजिक काम करना होगा

आजीविका के लिए काम करने का आदेश

सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर और जबलपुर में विधिक अधिकारियों से कहा है कि वो जमानत के दौरान दोषियों द्वारा आध्यात्मिक और सामाजिक कार्य करने को सुनिश्चित करें . कोर्ट ने अफसरों से उन्हें आजीविका के लिए काम करने के लिए भी कहा है. कोर्ट ने राज्य कानूनी सेवा प्राधिकरण को अनुपालन रिपोर्ट दायर करने के लिए कहा है. कोर्ट ने आदेश दिया है कि इन सभी दोषियों को सप्ताह में कम से कम 6 घंटे समाजिक काम करना पड़ेगा.

दोषियों के आचरण पर सुप्रीम कोर्ट में देनी होगी रिपोर्ट

सुप्रीम कोर्ट से मिली जमानत में ये भी शर्तें रखी गई हैं कि उन्हें स्थानीय पुलिस स्टेशन को साप्ताहिक रूप से रिपोर्ट करनी होगी. साथ ही सुप्रीम कोर्ट ने इंदौर और जबलपुर के डिस्ट्रिक्ट लीगल सर्विसेज अथॉरिटी को निर्देश दिया है कि वे यह सुनिश्चित करें कि दोषी जमानत की शर्तों का पूरी तरह पालन करें. इसके साथ अधिकारियों से सुप्रीम कोर्ट ने जमानत के दौरान दोषियों के आचरण पर भी रिपोर्ट देने के लिए कहा गया है.

गौरतलब है कि साल 2002 में गुजरात के गोधरा कांड के बाद भड़के दंगे में कई लोगों की जान गई थी.