नागरिकता संशोधन एक्ट को लेकर देशभर विरोध प्रदर्शन हो रहे हैं और एनपीआर को लेकर अभी भी देश में कई तरह की अफवाहें फैली हुई हैं. इसको लेकर कांग्रेस समेत कई विपक्षी पार्टियों ने मोदी सरकार को कटघरे में खड़ा किया है. लेकिन विपक्ष के इन सभी सवालों पर मोदी सरकार ने साफ कर दिया है कि एनपीआर को अपडेट करने के दौरान किसी तरह के कागज की जरूरत नहीं है इसके साथ अपडेट कराने के दौरान आधार कार्ड का नंबर देना भी वैकल्पिक होगा. इसका जवाब लोकसभा में केंद्रीय गृह मंत्रालय की ओर से लिखित में दिया गया है.
Government says no document will be collected during updation of National Population Register (NPR)
— Press Trust of India (@PTI_News) February 4, 2020
नेशनल पॉपुलेशन रजिस्टर के अपडेटशन के दौरान हर परिवार और व्यक्ति की जानकारी ली जाएगी. इस प्रक्रिया के दौरान कागजों की मांग पर राज्य सरकार की तरफ से कई तरह के सवाल खड़े किए जा रहे थे, हालांकि अब सरकार का कहना है कि वह राज्य सरकारों से बात करेगी.
लोकसभा में कांग्रेस नेता मनीष तिवारी के सवाल का जवाब देते हुए केंद्रीय गृह राज्य मंत्री नित्यानंद राय ने काहा कि केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा, एनपीआर के अपडेशन के दौरान किसी भी कागजात की जरूरत नहीं है.’ साथ ही ये भी जवाब दिया गया है कि इस दौरान ऐसा कोई वेरिफिकेशन नहीं किया जाएगा, जिससे किसी की नागरिकता पर सवाल खड़े हों.
‘आधार कार्ड देना होगा वैकल्पिक’
गौरतलब है कि नागरिकता संशोधन एक्ट के फैसले के तुरंत बाद भारत सरकार ने एनपीआर को अपडेट कराने का फैसला किया था. 1 अप्रैल, 2020 से एनपीआर अपडेट की प्रक्रिया शुरू हो रही है यह जनगणना का पहला चरण होगा. एनपीआर की प्रक्रिया के दौरान हर घर से जानकारी ली जाएगी, जिसमें सभी को सही जानकारी सरकार को देनी होगी. हालांकि, आधार कार्ड नंबर देना या ना देना व्यक्ति पर निर्भर होगा.
‘अभी एनपीआर को लागू करने का फैसला नहीं’
केंद्रीय गृह मंत्रालय ने कहा है कि भारत सरकार ने अभी देशभर में एनपीआर को लागू करने का कोई फैसला नहीं लिया है. ऐसे में एनआरसी से जुड़ा किसी भी सवाल का औचित्य नहीं है. सीएए के बाद एनसीआर और एनपीआर को लेकर विपक्ष की ओर से लगातार सरकार को कटघरे में खड़ा किया जा रहा था. इसके साथ ही कई राज्यों की सरकारों ने केद्र के फैसले को मानने से इनकार कर दिया था.
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