पश्चिम बंगाल में विधानसभा चुनाव से ठीक पहले बढ़ी राजनीतिक तकरार और कानून व्यवस्था पर उठे सवालों के बीच राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने प्रेस कॉन्फ्रेंस कर राज्य की कानून व्यवस्था पर चिंता व्यक्त किया। राज्यपाल ले कहा कि बंगाल में विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं बची है.
बंगाल के राज्यपाल ने मुख्यमंत्री से यह सवाल भी किया कि राज्य में कौन बाहरी है, उनका इससे क्या मतलब है? क्या भारतीय नागरिक भी बाहरी हैं, ममता को इस तरह बयान नहीं देने चाहिए, उन्होंने कहा कि मुख्यमंत्री को आग से नहीं खेलना चाहिए। मुख्यमंत्री को संविधान का पालन करना चाहिए.
राज्यपाल जगदीप धनखड़ ने कहा कि उन्होंने कल की घटना को लेकर डीजीपी, चीफ सेक्रेटरी से बात की और दुख जताया. डीजीपी, चीफ सक्रेटरी मेरे पास बिना किसी रिपोर्ट या इनपुट लिए हुए है, जबकि मैंने लिखित में आदेश दिया था. क्या राज्य की पुलिस ‘राजनीतिक पुलिस’ हो गई है. राज्य के हालात बद से बदतर होते जा रहे हैं, सिर्फ भ्रष्टाचार चल रहा है. सरकारी तंत्र का राजनीतिक तंत्र हो गया है और विपक्ष के लिए कोई जगह नहीं है.
केंद्र सरकार को भेजी है रिपोर्ट
राज्यपाल ने कहा कि बंगाल में इस वक्त ऐसे हालात हैं कि किसी विपक्ष के लिए जगह नहीं है. सत्ता दल से अलग कोई नेता यहां पर सुरक्षित नहीं है. उनके लिए कोई अधिकार नहीं बचे हैं, ना ही लोकतांत्रिक और ना ही मानवाधिकार. राज्यपाल ने कहा कि नियमों के मुताबिक, मैंने राज्य के हालात की रिपोर्ट केंद्र सरकार को भेजी है.
नड्डा के काफिले पर हमले की निंदा
बीजेपी अध्यक्ष जेपी नड्डा के काफिले पर हुए हमले को लेकर बंगाल के राज्यपाल ने कहा कि ये लोकतंत्र के लिए ठीक नहीं है, ऐसा नहीं होना चाहिए था लोकतंत्र में हर किसी को अपने विचारों को रखने का हक है।
गवर्नर ने यह भी कहा कि मुख्यमंत्री किस प्रकार लापरवाह हो सकता है, क्या बंगाली कल्चर इस तरह बात करने की इजाजत देता है. ममता बनर्जी वरिष्ठ नेता हैं, मुख्यमंत्री के तौर पर दूसरा कार्यकाल पूरा कर रही हैं. ऐसे में अगर वो अपने शब्दों के लिए माफी मांगती हैं, तो अच्छा होगा.
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