मांझी पर नीतीश के दिए बयान को लेकर विधान परिषद में हंगामा, सदन शुरु होते ही वेल में पहुंचे बीजेपी MLC जनक राम बोले- सीएम ने सभी समाज को किया शर्मसार

बिहार विधानमंडल के शीतकालीन सत्र का आज पांचवां दिन है….पांचवे दिन विधान परिषद की कार्यवाही शुरू होने से पहले बीजेपी एमएलसी ने पोर्टिको में नारेबाजी की। पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी के अपमान को लेकर सीएम नीतीश कुमार से इस्तीफा मांगा। बीजेपी एमएलसी जनक राम ने कहा कि मुख्यमंत्री ने सभी समाज को शर्मशार किया है।

विधान परिषद की कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थापित

विधानसभा में जब पूर्व मुख्यमंत्री जीतन राम मांझी को बोलने के लिए खड़े हुए तो मुख्यमंत्री नीतीश कुमार ने मांझी को बोलने से मना करना तो अलग बात है, जिस तरह से अपमानजनक शब्दों का प्रयोग किया। दलित समझकर उनको अपमान करने की मानसिकता झलक रही है। दलितों को धोखा देकर सत्ता में बैठे हुए हैं। अब माफी मांगने से नहीं चलेगा। इनको इस्तीफा दे देना चाहिए। विधान परिषद में बीजेपी के एमएलसी वेल में आ गए और उसके बाद विधान परिषद की कार्यवाही 12:30 बजे तक स्थापित कर दी गई है।

तू-तड़ाक की भाषा में उन्हें काफी कुछ कहा

जिस जीतनराम मांझी को नीतीश कुमार ने मुख्यमंत्री बनाया अब उन्हीं के बारे में सदन में कह दिया कि उन्हें मुख्यमंत्री बनाने का फैसला गतल था…  नीतीश कुमार ने तू-तड़ाक की भाषा में उन्हें काफी कुछ कहा। 13 जून को जीतन राम मांझी के पुत्र संतोष मांझी ने यह कहकर नीतीश मंत्रिमंडल से इस्तीफा दे दिया था कि नीतीश कुमार चाहते हैं कि हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय जेडीयू में कर दिया जाए, लेकिन हम अपनी पार्टी का विलय करने को तैयार नहीं इसलिए इस्तीफा दे दिया।

मांझी की ‘हम’ पार्टी एनडीए की घटक दल बन गई

महागठबंधन के हटने के बाद मांझी की ‘हम’ पार्टी एनडीए की घटक दल बन गई। तब नीतीश कुमार ने आरोप लगाया था कि जीतन राम मांझी भारतीय जनता पार्टी को फायदा पहुंचाने के लिए महागठबंधन के सहयोगियों की जासूसी कर रहे थे, ऐसे में महागठबंधन से उनका बाहर निकलना अच्छी ही बात है। नीतीश कुमार ने यह भी कहा कि मैंने उन्हें अपनी पार्टी हिन्दुस्तानी आवाम मोर्चा का विलय जेडीयू में करने को कहा था, विलय नहीं करने की स्थिति में मंत्री पद छोड़ने को कहा था। संतोष सुमन के इस्तीफे के बाद नीतीश कुमार ने रत्नेश सदा को मंत्री पद की शपथ दिलवाई थी।

दलितों की आबादी 20 फीसदी सामने आई

जाति गणना के बाद दलितों की आबादी 20 फीसदी सामने आई है। दलितों राजनीति से जुड़े दो बड़े नेता चिराग पासवान और जीतन राम मांझी दोनों ही बीजेपी के नजदीक हैं। चिराग पासवान पहले ही नीतीश कुमार के खिलाफ तेज बयानबाजी करते दिखते हैं। वे बीजेपी के साथ मिलकर पिछले विधान सभा चुनाव में नीतीश कुमार की पार्टी को कई सीटों पर नुकसान पहुंचा चुके हैं।

अब जीतन राम मांझी की पार्टी भी ज्यादा मुखर होगी नीतीश कुमार का विरोध करेगी। जीतन राम मांझी भी खूब वोकल दिखने वाले हैं। ऐसा नहीं है कि नीतीश कुमार की पार्टी में दलित नेता नहीं हैं लेकिन चिराग पासवान और जीतन राम मांझी जैसे कद के दलित नेता नहीं दिखते