अजमेर शरीफ दरगाह प्रमुख के उत्तराधिकारी सैयद नसीरूद्दीन चिश्ती ने प्रधानमंत्री नरेन्द्र मोदी से मुलाकात की। आपको बता दें यह मुलाकात 7 लोक कल्याण मार्ग नई दिल्ली में स्थित प्रधानमंत्री आवास पर हुई। इस मुलाकात में महत्वपूर्ण पहलुओं पर बातचीत भी हुई। वहीं इसके बाद प्रधानमंत्री की ओर से अजमेर शरीफ दरगाह पर चादरपोशी के लिए एक चादर सौंपी गयी।
प्रधानमंत्री कार्यालय की ओर से भी ट्वीट के जरिए इसकी जानकारी दी गयी है।
PM @narendramodi handed over a ‘Chadar’ that would be offered at the Ajmer Sharif Dargah. pic.twitter.com/ZE3MSaWfyD
— PMO India (@PMOIndia) February 21, 2020
सांप्रदायिक सौहार्द का प्रतीक है ‘अजमेर शरीफ दरगाह’
ख्वाजा की दरगाह भारत ही नहीं पूरे विश्व में हर जाति, धर्म-मजहब, क्षेत्र-सूबे के लोगों को इंसानियत व धार्मिक सदभावना का पैगाम देता है। साथ ही यह सबक देती है कि सिर्फ दुआ ही नहीं, दया व करुणा भी धर्म व मानवता के रक्षक हैं. खास बात यह भी है कि ख्वाजा पर हर धर्म के लोगों का विश्वास है। ख्वाजा के दर पर पहुंचे किसी भी मज़हब के जायरीन के ज़ेहन में सिर्फ अकीदा ही बाकी रह जाता है।
अजमेर में सूफी संत गरीब नवाज़ ख्वाजा मोइनुद्दीन चिश्ती की दरगाह हिंदू-मुसलिम भाईचारे की जीवंत मिसाल है। इसके प्रति सभी धर्म के अनुयायियों में आस्था देखी जाती है।
इस्लाम धर्मावलंबियों के लिए मक्का के बाद सबसे बड़े तीर्थस्थल के रूप में ख्वाजा साहब या ख्वाजा शरीफ अजमेर का दूसरा स्थान है। लिहाजा यह भारत का मक्का कहलाता है. भारत में दरगाह अजमेर शरीफ ऐसा पाक स्थल है, जिसका नाम सुनते ही जायरीनों को रूहानी सुकून मिल जाता है. ख्वाजा की पूरी जिंदगी इनसानियत, खासकर गरीबों की भलाई को समर्पित रही, गरीबों के प्रति दया, करुणा व समर्पण भाव रखने से वह गरीब नवाज कहलाये. कहते हैं, ख्वाजा हर दुआ कुबूल करते हैं।
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