भारत में ‘कोरोना’ आपदा घोषित, मृतक के परिजनों को 4-4 लाख रूपए मुआवजा का ऐलान

भारत में कोरोना वायरस के अब तक 85 मामले सामने आ चुके हैं जिनमें एक कनार्टक में और एक दिल्ली में मौत हो चुकी है. भारत में लगातार बढ़ रहे कोरोना के बढ़ते प्रभाव को लेकर केंद्र सरकार ने कोरोना को आपदा घोषित करने का फैसला किया है.

स्वास्थ्य मंत्रालय के अनुसार यह फैसला इसलिए किया गया है जिससे कि कोरोना पीड़ितों की पीड़ितों को स्टेट डिजास्टर रेस्पॉन्स फंड के तहत आर्थिक मदद दी जा सके. भारत में कोरोना के कुल 85 पीड़ित हैं, इलाज के बाद 10 की हालत सुधरी है और अभी भी 73 लोगों के कोरोना पीड़ित होने की पुष्टि है

आर्थिक सहायता देने का प्रावधान

कोरोना को आपदा घोषित करते ही केंद्र सरकार ने मृतक के परिजनों को चार लाख रूपए की आर्थिक मदद देने का ऐलान किया. इनमें उन लोगों के परिजनों को भी आर्थिक सहायता दिए जाने का प्रावधान शामिल है जिनकी मौत कोरोना राहत अभियान या उससे जुड़ी गतिविधि के कारण हुई हो. गृह मंत्रालय की ओर से जारी बयान में कहा गया है कि सरकार ने कोरोना को आपदा की तरह लेने का फैसला किया है ताकि एसडीआरएफ के अंतर्गत सहायता उपलब्ध कराई जा सके’ इसने आगे कहा, ’कोरोना वायरस से जान गंवाने वाले लोगों के परिजनों को 4 लाख रुपये की आर्थिक सहायता दी जाएगी जिनमें वो लोग भी शामिल हैं जिनकी मौत राहत अभियान से या इससे जुड़ी गतिविधि में हुई हो.

HIV की दवा से कोविड-19 का इलाज !
एड्स के इलास में HIV के खिलाफ इस्तेमाल की जाने वाली lopinavir और ritonavir का इस्तेमाल कोविड-19 के भी कुछ मरीजों पर किया गया। इसमें इटली के वो मरीज भी शामिल हैं, जो जयपुर के सवाई मान सिंह अस्पताल में भर्ती हैं। हालांकि, वैज्ञानिकों का कहना है कि इससे कितना फायदा होगा, ये अभी कहा नहीं जा सकता है-

क्या है राष्ट्रीय आपदा ?

आपदा का मतलब है कि इसी क्षेत्र में प्राकृतिक रूप से, इंसान या किसी दुर्घटना की वजह से भारी विपत्ति आ जाए। इससे जनहानि, संपत्ति या प्रकृति का इतना नुकसान हो कि स्थानीय समुदाय के लिए उससे निपटना असंभव हो। आपदा प्रबंधन अधिनियम, 2005 के मुताबिक ऐसी स्थिति में राष्ट्रीय आपदा घोषित की जाती है। बाढ़, तूफान, चक्रवात, भूकंप, सुनामी को प्राकृतिक आपदा और एटमी, जैविक या रासायनिक आपदाओं को मानवजनित आपदा कहा जाताह है। हालांकि, इसके लिए कोई तय मानक नहीं है कि किस स्थिति कितनी बिगड़ने पर उसे राष्ट्रीय आपदा घोषित किया जाए।