चीन से आयातित रैपिड जांच किट्स में भारी मुनाफाखोरी, सरकार ने सख्त कार्रवाई  का दिया भरोसा

महामारी के दौर में  भी चीन से आयात की गई रैपिड जांच किट्स में भारी मुनाफाखोरी की गई।  245 रुपए में किट आयात कर 600 रुपए में सप्लाई की गई। यानी 145 फीसदी मुनाफा कमाया गया। यह खुलासा तब हुआ जब आयातक-वितरक के बीच का विवाद दिल्ली हाईकोर्ट पहुंचा था। मामला उजागर होने के बाद स्वास्थ्य मंत्रालय के संयुक्त सचिव लव अग्रवाल ने कहा कि मुनाफाखारों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की जाएगी।

245 रुपए का किट 600 रुपए में की सप्लाई

उधर, भारतीय आयुर्विज्ञान अनुसंधान परिषद ने यह स्पष्ट किया है कि टेंडर प्रक्रिया के तहत ही किट्स को खरीदा गया था। इसमें सरकार को किसी भी प्रकार का नुकसान नहीं हुआ है क्योंकि इन कंपनियों को भारत ने एडवांस पेमेंट में पूरा भुगतान नहीं किया है। टेंडर में साफ साफ लिखा है कि अगर किसी भी प्रकार की गड़बड़ी मिलती है तो किट्स को वापस कर दिया जाएगा। साथ ही भुगतान भी नहीं किया जाएगा। इसके अलावा आईसीएमआर ने सोमवार को जारी आदेश में किट्स के परिणामों में अंतर बताते हुए राज्यों से इन्हें वापस लौटाने और आरटी पीसीआर पर ही भरोसा करने के लिए कहा है।

चीन से आईं थी 5.5 लाख किट्स

चीन से आईं 5.5 लाख किट्स की खेप एक आयातक कंपनी मैट्रिक्स लैब्स के जरिए आई थीं। देश में जब इन पर रोक लगी तो डिस्ट्रीब्यूटर रेयर मेटाबोलिक्स ने आयातक मैट्रिक्स लैब्स के खिलाफ एक याचिका दी थी। विवाद था कि आयातक बाकी 2.24 लाख किट आईसीएमआर को नहीं भेज रहा। आयातक बोला, उसे 21 करोड़ में से अभी सिर्फ 12.75 करोड़ का ही भुगतान हुआ है। जबकि करार के मुताबिक आयातक को बाकी 8.25 करोड़ रुपये के भुगतान करना है।

राहुल ने सख्त कार्रवाई की मांग की थी

दिल्ली हाईकोर्ट में चीनी किट्स के रेट में गोलमाल का मामला जैसे ही उजागर हुआ विपक्ष सरकार पर हमलावर हो गया। कांग्रेस के पूर्व अध्यक्ष राहुल गांधी ने किट की आपूर्ति में मुनाफाखोरी का आरोप लगाया और प्रधानमंत्री से दोषियों के खिलाफ सख्त कार्रवाई की मांग की।

राहुल ने कहा, हद है देश राष्ट्रीय आपदा से लड़ रहा है, तब भी कुछ लोग मुनाफाखोरी से नहीं चूक रहे। इस भ्रष्ट मानसिकता पर शर्म आती है, घिन आती है। हम प्रधानमंत्री से मांग करते हैं कि इन मुनाफाखोरों पर जल्द कड़ी कार्रवाई की जाए। देश उन्हें कभी माफ नहीं करेगा