रेलवे कोरोना वायरस संक्रमित लोगों की देखभाल के लिये रखे गये डिब्बों के भीतर गर्मी कम करने के लिये इन डिब्बों में नये पेंट का परीक्षण कर रहा है। माना जा रहा है कि इस पेंट से डिब्बों का तापमान पांच से छह डिग्री सेल्सियस तक कम हो सकता है।
नीति आयोग जता चुका था चिंता
यह परीक्षण ऐसे समय किया जा रहा है, जब नीति आयोग गर्मियों में इन डिब्बों का भीतरी तापमान अधिक हो जाने को लेकर चिंता व्यक्त कर चुका है।
100 डिब्बों पर नये रंग- रोगन का परीक्षण
रेलवे ने स्वास्थ्य मंत्रालय की सलाह के मुताबिक, देश भर के 215 रेलवे स्टेशनों पर कोविड-19 के मरीजों की देखभाल के लिये 5,200 डिब्बों को तैयार किया है। इनमें से 100 डिब्बों पर नये रंग- रोगन का परीक्षण किया जा रहा है।
रेलवे के एक वरिष्ठ अधिकारी ने पीटीआई-भाषा से कहा कि शोध डिजायन एवं मानक संगठन (आरडीएसओ) द्वारा बताये गये मानकों पर अमल करते हुए उत्तर और उत्तर मध्य रेलवे के 100 डिब्बों की छतों पर पेंट लगाने का आदेश दिया गया है।
अधिकारी ने बताया कि “परीक्षण के इस साल जून तक समाप्त होने की उम्मीद है और एक बार जब हम तापमान को कम से कम 5-6 डिग्री सेल्सियस तक कम करने में सक्षम होते हैं, तब हम इसे बड़े पैमाने पर बढ़ाएंगे। बात यह है कि अगर हम तापमान में काफी कमी नहीं ला सकते हैं, तो इसमें पैसे और संसाधनों का निवेश करने का कोई मतलब नहीं है।’’
एक दूसरे अधिकारी ने कहा कि पेंटिंग की लागत प्रति कोच एक लाख रुपये है। इसमें पेंट और श्रम की लागत भी शामिल है।
अधिकारियों ने कहा कि अगर परीक्षण सफल रहा, तो इसका इस्तेमाल पांच हजार गैर-वातानुकूलित डिब्बों में किया जा सकता है।
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