
एलएसी बोर्डर के गलवान घाटी में 15 जून को हिंसक झड़प के बाद अब भी तनाव बरकरार है। हालांकि दोनों देशों के बीच मेजर जेनरल स्तर के कई दौर की बातचीत हो चुकी है। 15 जून के बाद हिंसक झड़प की अभी तक कोई खबर नहीं आई है। एलएसी बोर्डर पर दोनों देशों ने एक-एक हजार से अधिक की संख्या में सैनिक तैनात किए है। इस स्थिति के बीच दोनों देशों की सेनाएं एक बार फिर बात करेंगी.
PLA LAC पर आर्टिलरी और टैंक के साथ मौजूद
गलवान घाटी के पीपी 14 क्षेत्र में अब दोनों देशों की सेनाएं अपने आप को मजबूत करने में लगी हैं. चीनी सेना यानी पीएलए एलएसी पर आर्टिलरी और टैंक के साथ मौजूद है, तो वहीं भारत की सेना भी पूरी तरह से तैयार है और तैनाती मजबूत कर दी है. गलवान घाटी की मौजूदा स्थिति को लेकर अधिकारी ने कहा, ज़मीन पर कुछ खास नहीं बदला है. 15 जून के बाद कोई झड़प नहीं हुई है लेकिन हालात पूरी तरह से तनावपूर्ण बने हुए हैं. गलवान और पैंगोंग सो में यही हालात हैं।
दोनों देशों की सेनाओं के बीच विश्वास की कमी
सूत्रों की मानें, तो चीन की ओर से हलचल को बढ़ता हुआ देख भारतीय सेना भी अपनी तैयारी कर रही है और किसी भी तरह की स्थिति से निपटने के लिए तैयार है. इसका कारण ये भी है कि 15 जून की घटना के बाद दोनों देशों की सेनाओं के बीच अब विश्वास की कमी है.
दोनों देशों के बीच बातचीत का सिलसिला जारी है, लेकिन सफलता नहीं मिली है. ऐसे में भारतीय सेना किसी भी स्थिति के लिए तैयार है, इसमें चीनी सैनिकों को पैंगोंग लेक से वापस भेजना भी शामिल है।
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