विकास दुबे एनकाउंटर की दोबारा जांच टीम गठित करने को राजी यूपी सरकार, SC के पूर्व जज भी होंगे शामिल

यूपी  के कुख्यात गैंगस्टर विकास दुबे की एनकाउंटर मामले की कोर्ट की निगरानी में जांच की मांग को लेकर दाखिल जनहित याचिका पर सोमवार को उच्चतम न्यायालय में सुनवाई हुई। इस मामले पर यूपी सरकार दोबारा जांच समिति गठित किए जाने पर राजी हो गई है। वीडियो कॉन्फ्रेंसिंग के जरिए हुई सुनवाई में अदालत ने यूपी सरकार को शीर्ष अदालत के एक पूर्व न्यायाधीश और सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को जांच समिति में शामिल करने का आदेश दिया।

कानून का शासन बरकरार रखना होगा

कोर्ट ने कहा कि हम जांच समिति का हिस्सा बनने के लिए शीर्ष अदालत के किसी सिटिंग जज  को नहीं दे सकते हैं। अदालत ने उत्तर प्रदेश सरकार से कहा कि आपको एक राज्य के रूप में कानून का शासन बरकरार रखना होगा। ऐसा करना आपका कर्तव्य है। सर्वोच्च न्यायालय ने यूपी सरकार को जांच समिति में शीर्ष अदालत के पूर्व न्यायाधीश और एक सेवानिवृत्त पुलिस अधिकारी को शामिल करने पर विचार करने को कहा।

हैदराबाद मुठभेड़ से अलग है यह एनकाउंटर-यूपी सरकार

यूपी सरकार की तरफ से कोर्ट में पक्ष रखते हुए सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता ने कहा कि मामले की जांच के लिए राज्य सरकार ने जांच समिति का गठन किया है। मुख्य न्यायाधीश बोबडे ने सॉलिसिटर जनरल से पूछा कि यह हैदराबाद एनकाउंटर से अलग कैसे है? उनके पास हथियार नहीं थे। वहीं यूपी डीजीपी की तरफ से अदालत में पेश हुए वरिष्ठ वकील हरीश साल्वे ने अदालत में कहा कि यह मामला तेलंगाना से गुणात्मक रूप से अलग है। यहां तक कि पुलिसकर्मियों के भी मौलिक अधिकार हैं।

जांच के लिए समिति का पुनर्गठन करने के लिए तैयार

मुख्य न्यायाधीश ने सॉलिसिटर जनरल तुषार मेहता से कहा कि यह केवल एक मुठभेड़ का मामला नहीं है बल्कि ये पूरी प्रणाली पर सवालिया निशान है। यूपी सरकार ने सर्वोच्च न्यायालय को बताया है कि वह विकास दुबे मुठभेड़ मामले की जांच के लिए समिति का पुनर्गठन करने के लिए तैयार है।