सतत् विकास के लिए मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण तथा जुझारूपन’ पर वेबनार का आयोजन, बोले प्रो. तपन कुमार शांडिल्य- नई शिक्षा नीति युवाओं को रोजगार उपलब कराने में होगी सहायक

शिक्षक दिवस के अवसर पर कालेज आफॅ कामर्स आर्ट्स एण्ड साइंस पटना में महाविद्यालय के संस्थापक पंडित इन्दू शेखर झा की स्मृति में ‘ सतत् विकास के लिए मनोवैज्ञानिक सशक्तिकरण तथा जुझारूपन’ विष्य पर शनिवार को अंतरराष्ट्रीय वेबनार का आयोजन किया गया।

वेबिनार का उद्घाटन करते हुए प्रिंसिपल प्रो तपन कुमार शांडिल्य ने शिक्षा के क्षेत्र में पंडित इंदू शेखर झा के योगदान की चर्चा करते हुए कहा कि बिहार में कामर्स की पढ़ाई के विकास में उनकी महत्वपूर्ण भूमिका रही है। उन्होंने कहा कि नई राष्ट्रीय शिक्षा नीति स्वागत योग्य कदम है। उन्होंने कहा कि प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी की नई शिक्षा नीति युवाओं को रोजगार उपलब कराने में सहायक साबित होगी। उन्होंने कहा कि आधुनिक काल में डॉ राधाकृष्णन, सी. गोपालाचारय, गांधी जी, पंडित दीनदयाल उपाध्याय, महामना पंडित मदन मोहन मालवीय ने शिक्षा के संबध में भारत के अनुरूप शिक्षा की कही थी। उन्होंने गुणात्मक शिक्षा के लिए नये शिक्षकों को अवसर दिये जाने की आवश्यकता पर बल दिया। उन्होंने कहा कि सतत् विकास के लिए युवा वर्ग को शिक्षण व्यवसाय के प्रति आकर्षित करना जरूरी है।

शिक्षकों को अपने गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता

वेबनार को संबोधित करते हुए महात्मा गांधी अंतरराष्ट्रीय हिंदी विश्वविद्यालय वर्धा के पूर्व कुलपति प्रो. गिरीश्वर मिश्र ने अच्छे अध्यापक तैयार करना आज सबसे बड़ी चुनौती है। उन्होंने कहा कि गुणवत्तापूर्ण शिक्षा के लिए युवाओं को शिक्षा व्यवसाय की ओर आकर्षित करना आवश्यक है। नई शिक्षा नीति 2020 का उल्लेख करते हुए हुए इसे आशा की नई किरण बताया और कहा कि देश के सतत् विकास के लिए नये उपायों पर विचार करना आवश्यक है। उन्होंने योग के महत्व को भी उजागर किया। उन्होंने कहा कि आध्यात्म के द्वारा भी सतत् विकास का काम आसान हो जाता है। शिक्षकों को अपने गुणवत्ता में सुधार की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि समय के साथ साथ हम आत्मकेंद्रित होते चले गए जबकि वर्तमान समय में सतक विकास तथा सशक्तिकरण के लिए आत्म बोध तथा आत्म नियमन की आवश्यकता है। उन्होंने कहा कि इसके द्वारा ही हम एक व्यक्ति तथा समाज के रूप में अपनी भूमिका निभा सकते हैं।

वेबनार को संबोधित करते हुए मैक्नीज़ विश्वविद्यालय अमेरिका की प्रो. कृति वशिष्ठ ने कहा कि वैश्विक विकास के संदर्भ में सतत् एक मूल सम्प्रतमय है। उन्होंने कहा कि महिला सशक्तिकरण तथा मानसिक जुझारूपन के द्वारा सही अर्थों में सतत् विकास के सही अर्थों को प्राप्त किया जा सकता है। कार्यक्रम का संचालन अंग्रेजी की विभागाध्यक्ष प्रो. सलोनी कुमार ने किया जबकि धन्यवाद
ज्ञापन आईक्यूएसी के समन्वयक प्रो संतोष कुमार ने किया। वेबिनार को अन्य लोगों के अलावा प्रो. जय मंगल देव, प्रो. दिनेश कुमार, प्रो. कीर्ति, प्रो. रश्मि आखौरी, प्रो. ए के नाग, प्रो. बिन्दु सिह, प्रो. राजीव रंजन, प्रो.मनोज कुमार और प्रो. मृदुला कुमारी ने भी अपने विचार व्यक्त किए। वेबिनार में बड़ी संख्या में शिक्षक और छात्र – छात्राओं ने भाग लिया।