बिहार इंटर फेथ फोरम फॉर चिल्ड्रन (BIFC), सिस्टर्स ऑफ़ नोत्र डैम और यूनिसेफ द्वारा आयोजित “सीजन ऑफ़ क्रिएशन इंटर फेथ वेबिनार” में धरती माँ को बचाने के लिए और क्लाइमेट चेंज पर धर्मगुरुओं के द्वारा महत्वपूर्ण चर्चा किया गया। सिस्टर्स ऑफ़ नोत्र डैम (SND) ने बिहार इंटर फेथ फोरम फॉर चिल्ड्रन (BIFC) के साथ मिलकर “फेथ लीडर्स स्पिरिचुअल कनेक्ट फॉर सीज़न ऑफ क्रिएशन, जुबली फॉर अर्थ” वेबिनार का आयोजन किया।
धरती को बचाने के लिए पर्यावरण संरक्षण पर चर्चा
इस वेबिनार का उद्देश्य धर्मगुरुओं को धरती माता की देखभाल के लिए एक साथ लाना, प्रार्थना करना और विचारों को साझा करना जिस से हम लोगों को जागरूक कर सकें। धर्मगुरुओं ने बच्चों के साथ मिलकर पृथ्वी और पर्यावरण को बचाने के लिए कई उपाय पर चर्चा की जैसे पौधे लगाना, प्लास्टिक का कम इस्तेमाल करना, जागरूकता बढ़ाना, और अपनी पृथ्वी की तरफ प्यार और निर्मलता से पेश आना क्योंकि पृथ्वी भी जैविक है और ईश्वर की देन है जिसको आने वाली पीढ़ियों के लिए बचा कर रखना है।
प्रमुख वक्ताओं में सिस्टर ज्योतिषा कन्नमक्कल, मॉडरेटर और बीएफआईसी सदस्य, सिस्टर मैरी टेसी, अध्यक्ष, नोट्रे डेम, पटना की बहनें, निखत सना, ईदारे शरिया, शामिल थी, विजय कुमार जैन, दिगम्बर जैन मंदिर , चन्द्र भूषण शर्मा (गायत्री मंदिर प्रभाती, शेखपुरा, बी.के. काजल, राजयोग शिक्षक,, बी.के. संगीता, निदेशक, प्रजापिता ब्रह्मकुमारिज पटना और निपुण गुप्ता, संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ शामिल थे ।
प्रतिभागियों में बिहार और भारत के मण्डलों के बच्चे, युवा और रोम, इटली की सिस्टर्ज़ भी भी शामिल थे ।
कोविड-19 ने हमें बहुत कुछ सिखाया
वेबिनार की शुरुआत में सिस्टर मैरी टेसी (अध्यक्ष, सिस्टर्स ऑफ नोट्रे डेम, पटना) ने सभी प्रतिभागियों का स्वागत किया गया। अपने संबोधन में उन्होंने बताया कि वैश्विक महामारी COVID-19 ने हमे सिखाया है कि विपदाओं में व्यक्ति को जाति, पंथ, शक्ति, धन और प्रतिष्ठा से ऊपर उठना चाहिए। उन्होंने यह भी कहा कि यह ईश्वर के निमंत्रण की तरह है कि हमें एक दूसरे की देखभाल करने के लिए एक परिवार जैसे खुद को एकजुट करने की आवश्यकता है। अगर हम विचार करें तो सभी धर्मों के पवित्र शास्त्र कहते हैं कि हमें भगवान को सृष्टि की रचना के लिए धन्यवाद देना चाहिए और पृथ्वी माता की रक्षा करनी चाहिए। हमें इन महत्वपूर्ण समयों में सकारात्मकता, सद्भाव और बंधुत्व फैलाने की आवश्यकता है। उन्होंने तब सभी प्रतिभागियों से पृथ्वी की रक्षा में और सबके प्रयासों को आशीर्वाद देते हुए एक प्रार्थना की।
कार्यक्रम संचालक सिस्टर ज्योतिषा, एस. एन. डी. ने बताया की दुनिया भर में ईसाई संप्रदाय सितम्बर से अक्टूबर तक “सीजन ऑफ़ क्रिएशन” जो धरती माँ का महोत्सव है जिसमे उनकी रक्षा के लिए प्रार्थना करी जाती है।
निपुण गुप्ता , संचार विशेषज्ञ, यूनिसेफ बिहार ने बीएफआईसी के प्रयासों की सराहना करते हुए कहा कि बी एफआई सी ने पिछले तीन वर्षों से महिलाओं और बच्चों के अधिकारों के लिए बहुत काम किया है। उन्होंने अपने नेटवर्क, अपने अनुयायियों और अपने धार्मिक संस्थानों का उपयोग किया है, धमर्गुरु वैज्ञानिक तथ्यों और धार्मिक शिक्षाओं के साथ लोगों को प्रेरित कर रहें हैं। अंत में उन्होंने कहा की “आज कार्यक्रम करहमारे लिए बहुत सामयिक है sanyukta rashtra maha sabha में विश्व राजनेता भी इस हफ़्ते प्रदूषण, climate change (एस. डी. जी लक्ष्य १३ ) पर चर्चा करेंग इस वर्ष विश्व बाल दिवस की थीम भी climate ऐक्शन है।
निखत सना (इदर-ए-शरिया, पटना) ने बड़ी खूबसूरती से बताया कि हमें इस तरह से काम करना चाहिए कि जो खूबसूरत धरती हम देख रहें है वह हमारी आने वाली पीढ़ी अपने समय में भी देख सके। पृथ्वी की रक्षा करना हमारा कर्तव्य है लेकिन यह भी महत्वपूर्ण है कि हम यह कार्य शांतिपूर्ण तरीके से करें और प्रेम और जागरूकता फैला कर लोगों के दिल और दिमाग को बदले। इसके बाद उन्होंने भगवान से प्रार्थना की की लोगों की रक्षा करे, माँ पृथ्वी की रक्षा करे और हम सभी के दिलों में प्रेम और शांति भरे और माँ पृथ्वी की रक्षा करने वालों को शक्ति दें।
विजय कुमार जैन (दिगंबर जैन मंदिर मीठापुर, पटना) ने पारिस्थितिक संकट और मानवता पर इसके प्रभाव, इसके विशेष रूप से बच्चों पर इसका प्रभाव के बारे में बात। उन्होंने सभी से पर्यावरण संरक्षण और विकास पर सरकार की पहल का पालन करने का अनुरोध किया, विशेष रूप से प्लास्टिक कचरे और प्लास्टिक उत्पादों के उपयोग। उन्होंने सभी प्रतिभागियों को अनुरोध किया की वह खुद को शिक्षित करने और अपने पर्यावरण के भीतर प्रदूषण के सभी रूपों को कम करने का प्रयास करें।
चन्द्र भूषण शर्मा (गायत्री मंदिर प्रभाती, शेखपुरा), ने बच्चों को आध्यात्मिकता और नैतिक मूल्यों को सिखाने के महत्व पर चर्चा की और स्कूलों में बच्चों को मानसिक शांति और विचार प्रबंधन प्रशिक्षण प्रदान करने के अपने संगठन के प्रयासों का वर्णन किया और सभी को अपने स्वयं के संगठनों और संसाधनों के साथ ऐसा करने की विनती की। उन्होंने फिर जीवन की मुसीबतों का सामना करने और आंतरिक शांति का अनुभव करने के लिए ईश्वर से मदद की प्रार्थना की।
ब्रह्मकुमारी बी.के. काजल और बी.के. संगीता (निदेशक, प्रजापिता ब्रह्मकुमारी, पटना) ने धरती को बचाने के लिए पर्यावरण में सकारात्मक कंपन भेजने की शक्ति के बारे में बातया। उन्होंने कहा की हमें पर्यावरण में सकारात्मक कंपन (positive vibrations) भेजने और प्रकृति के साथ संतुलन बनाने का प्रयास करना चाहिए। बी.के. संगीता जी ने प्रतिभागियों के साथ एक ध्यान प्रार्थना ताकि सभी उस समय के लिए पर्यावरण में सकारात्मक स्पंदन ला सकें और प्रकृति के साथ संतुलन बनाने का प्रयास कर सकें।
अंत में बच्चों और युवा साथियों ने अपने बनाये हुए चित्रों को प्रदर्शित किया जो पर्यावरणीय परिस्थितियों पर उनके विचारों का व्यक्त करते थे। बच्चों ने अपने चित्रो से संदेश दिय जैसे निरूपण और विनाश, और अज्ञान से ज्ञान और शांति तक। चित्रों और कविताओं के माध्यम से बच्चों ने वर्णन किया कि वह आने वाली पीढ़ियों के लिए क्या देखना चाहते हैं। और सरकार से पर्यावरण सुरक्ष। की अपील की
संगीता सिंह, विकासार्थ ट्रस्ट, ने सभी को धन्यवाद दिया।
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