कुछ दिनों पहले दिल्ली के मालवीय नगर वाला ‘बाबा का ढ़ाबा’ वीडियो वायरल होने के बाद कांता प्रसाद सोशल मीडिया सेंसेशन बन गये थे। इसके बाद 80 साल के रोते हुए बाबा ने बताया था कि लॉकडाउन में उनका गुजारा भी मुश्किल हो गया है। जिसके बाद तमाम लोग उन्हें मदद का आश्वासन देने लगे थे और उनके स्टॉल पर खाना खाने के लिए भारी भीड़ उमड़ने लगी थी। लेकिन ये कांता प्रसाद के लिए चार दिन की चांदनी फिर अंधेरी रात हो गयी। बाबा फिर से अपने पुराने दिनों में लौट आये हैं। अब उनके स्टॉल पर पहले जैसा भीड़ है।
पुराने दिनों में लौटा बाबा का ढ़ाबा
लेकिन अब हालात वैसे नहीं हैं. भीड़ गायब हो चुकी है. अभी अक्टूबर का महीना खत्म नहीं हुआ है और 20 दिन बाद ही बाबा का ढाबा से भीड़ गायब हो गई है. अब इक्का-दुक्का लोग यहां खाना खाने आते हैं. कुछ यहां सेल्फी लेने चले आते हैं. सोशल मीडिया स्टार बन चुके 80 साल के कांता प्रसाद और उनकी पत्नि बादामी देवी का स्टारडम अभी थोड़ा कम हुआ है लेकिन फिर भी काम चलाऊ काम कर रहा है. अब वहां खाना खाने वाले कम और वीडियो और सेल्फी के शौकीन ज्यादा नजर आते हैं. बॉलीवुड, खेल और राजनीति से जुड़े कई लोगों ने ट्विटर पर बाबा की मदद करने की बात की. हालांकि लगभग 20 दिन बीतने के बाद जब हमने बाबा से बात की तो उनका कहना है कि अब हालात पहले जैसे ही हो गए हैं.
एक युवा बना उनका मैनेजर
इस बीच बॉलीवुड की कुछ हस्तियों का पब्लिक रिलेशंस देखने वाले एक युवा ने खुद को उनका मैनेजर बना लिया है. बाबा को डिजीटल दुनिया में बने रहने के लिए मदद की जरुरत थी और इस काम में अब एक नौजवान उनकी मदद कर रहा है. बाबा के मैनेजर तुशात अदलखा का कहना है कि ये काम वो मदद के मकसद से ही कर रहा है. इसके बदले में उसे कुछ नहीं चाहिए.। वैसे बाबा ये भी कहते हैं कि सोशल मीडिया पर उन्हें लाखों की मदद का दावा करने वाले तमाम लोग सिर्फ बातें करके गायब हो गए. उन्हें असल में कोई खास मदद नहीं मिली है।
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