कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन 9वें दिन जारी, 5 दिसंबर को फिर होगी वार्ता, बॉर्डर बंद होने से बढ़ने लगी है लोगों की परेशानी

कृषि कानूनों के खिलाफ किसानों का आंदोलन लगातार नौवें दिन जारी है।  सरकार और किसानों की चौथे दौर की बातचीत बेनतीजा रही थी। सरकार का कहना है कि एमएसपी रहेगी, उसे छुएंगे तक नहीं, वहीं किसान इस बात पर अड़े हैं कि संसद सत्र बुलाकर कानून रद्द कराए जाएं। अब पांच दिसंबर को फिर से वार्ता होगी।

जब तक मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे

दिल्ली-यूपी बॉर्डर पर विरोध प्रदर्शन कर रहे किसानों का कहना है कि जब तक उनकी मांगें पूरी नहीं होतीं वो डटे रहेंगे। एक प्रदर्शनकारी ने कहा, ‘हमारे पास 3-4 महीने का राशन है, जब तक हमारी मांगें पूरी नहीं होंगी, हम हटने वाले नहीं हैं. किसान आंदोलन के कारण डीएनडी पर जाम का सिलसिला जारी है. दिल्ली से नोएडा जाने वाले रास्ते पर जाम के कारण थम गये हैं गाड़ियों के पहिये. करीब चार किमी लंबा जाम लगा है.

किसानों के रूख पर नरम हुए केंद्र सरकार

किसानों और सरकार के बीच काफी मुद्दों पर सहमति दिखी और कुछ मुद्दों पर किसान अड़े रहे. किसानों ने लिखित में अपनी आपत्तियां दी थीं, जिसके बाद केंद्र सरकार ने कृषि कानूनों में 8 मुद्दों पर संशोधन हेतु विचार करने का प्रस्ताव रखा. जिसे किसान नेताओं ने ठुकरा दिया. हालांकि, चर्चा खत्म होते-होते कुछ ऐसे मसले रहे जिनपर सरकार का रुख नरम हुआ.

बैठक के बाद किसान नेता कुलवंत सिंह संधू ने बताया, सरकार ने एमएसपी और मंडी सहित कई प्रस्ताव दिए हैं हम इन पर आज विचार करेंगे। वहीं, अखिल भारतीय किसान संघर्ष समिति की नेता प्रतिभा शिंदे ने कहा, हमारी तरफ से बातचीत पूरी हो गई है। हमारे नेताओं ने कहा है कि अगर सरकार कोई समाधान नहीं देती तो वे आगे बातचीत में शामिल नहीं होंगे। प्रतिभा महाराष्ट्र और गुजरात के किसानों के संगठन लोक संघर्ष मोर्चा की प्रमुख हैं।